इस दिन आ रहा है करवा चौथ का व्रत, जानें कैसे पढ़ी जाती है करवा चौथ कथा

इस वर्ष यानी साल 2021 में करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर के दिन आ रहा है। इस व्रत को पूरे भारत में धूमधाम से बनाया जाता है और सुहागिन महिलाएं कठिन उपवास कर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती है। ये व्रत काफी कठिन होता है और रात को चांद दिखने के बाद ही खोला जाता है। पूरे दिन बिना पानी के रहना होता है। करवा चौथ की पूजा (karwa chauth puja) बेहद ही महत्वपूर्ण होती है और ये पूजा किए बिना ये व्रत सफल नहीं होता है। करवा चौथ की कहानी सुनने के बाद ही ये व्रत पूर्ण होता है। हालांकि इसकी पूजा कैसे की जाती है और करवा चौथ की कहानी कितने बजे सुननी चाहिए (karwa chauth katha)? इसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होती है। तो आइए विस्तार में जानते हैं करवा चौथ व्रत के बारे में।

करवा चौथ की पूजन सामग्री क्या है

करवा चौथ का व्रत रखने से पहले आप इसकी सामग्री जमा करके रख लें। जो की इस प्रकार हैं।

मिट्टी का करवा, कलश, ताजा पानी, दो दीपक, घी, कुमकुम, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा दूध, चावल, मिठाई, मेहंदी, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, छलनी, दक्षिणा के पैसे और एक थाली।

करवा चौथ पूजा कैसे करें

1. करवा चौथ पूजा बेहद ही सरल है। ये पूजा करने के लिए आपको एक थाली सजानी होगी। जिसमें सुहागन का समान रखना होगा। इस थाली में दो दीपक भी रख लें।

 

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2.पूजा करते हुए मिट्टी का करवा लें और उसे चावल से भर दें। इसपर कलवा बंद दें। साथ ही इसके अंदर पैस रख दें। फिर इसे पूजा वाले स्थान पर रख दें। अब कलश में पानी भर लें और उसे थाली में रख दें।

3.अब आप करवा चौथ की कथा को पढ़ना शुरू करें। कथा पढ़ने से पहले थाली में रखे एक दीपक को जला लें और कथा का आरंभ कर ले। इस कथा को अच्छे से पढ़ें। कथा पढ़ने के बाद थाली में रखे दिए को मंदिर में रख दें।
चांद निकलने का इंतजार करें। चांद निकलने पर थाली में रखे दूसरे दीपक को जला लें।
4.दीपक जलाने के बाद चांद को देखकर अपना व्रत तोड़ लें।

कहानी कितने बजे सुननी चाहिए?

करवा चौथ की कहानी कितने बजे सुननी चाहिए? ये काफी महत्वपूर्ण सवाल है। अगर सही समय पर करवा चौथ की पूजा न की जाए तो व्रत रखने का सफल नहीं होता है। करवा चौथ की कहानी सुनने के लिए शाम का समय सबसे उत्तम होता है और इस कथा को 5 बजे के बाद ही पढ़ा चाहिए।

करवा चौथ व्रत नियम

करवा चौथ से कुछ व्रत नियम भी जुड़े हुए हैं। जिनका पालन जरूर करना चाहिए। करवा चौथ नियमों के अनुसार ये व्रत निर्जल होता है और चांद दिखने के बाद ही जल ग्रहण कर सकते हैं।

इस दिन पूजा नए वस्त्र पहनकर ही करनी होती है। इसलिए आप पूराने वस्त्र न पहनें।

खाना चांद देखने के बाद ही खाया जाता है। इस दिन खाने में केवल दाल और चावल का ही सेवन करना चाहिए।

तो ये थे करवा चौथ व्रत के नियम, कहानी कितने बजे सुननी चाहिए और पूजा विधि के बारे में जानकारी।

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