दिल्ली में 1 अक्टूबर से शुरू होगा स्मॉग टावर, जानें कैस करता है ये काम (Smog Tower Hindi)

नई दिल्ली: राजधानी में होने वाले वायु प्रदूषण को देखते हुए यहां की राज्य सरकार ने स्मॉग टावर बनाने का वादा किया था। केजरीवाल ने स्मॉग टावर (Smog Tower Hindi) बनाने का ऐलान करते हुए कहा था कि ये टावर दिल्ली में लगने से वायु प्रदूषण से बचाव होगा और हवा को शुद्ध किया जा सकेगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की ओर से किया गया ये वादा अब पूरा हो गया है और जल्दी ही स्मॉग टावर को शुरू कर दिया जाएगा।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने स्मॉग टावर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्मॉग टावर का ट्रायल पूरा कर लिया गया है। जो कि सफल रहा है। 1 अक्टूबर से ये शुरू कर दिया जाएगा। आज एक ट्वीट करते हुए गोपाल राय ने इस बात की जानकारी दी। इस ट्वीट में मंत्री ने लिखा कि स्मॉग टावर का ट्रायल पूरा हुआ। आगामी 1 अक्टूबर से फुल कैपेसिटी में काम करना करेगा शुरू। मॉनिटरिंग के लिए IIT Bombay, IIT Delhi और DPCC के साइंटिस्टों की टीम तैयार।

 

स्मॉग टावर क्या है (Smog Tower Hindi)

स्मॉग टावर क्या है (Smog Tower Hindi) और ये किस तरह से काम करता है। इसकी जानकारी कम ही लोगों को है। दरअसल स्मॉग टावर हवा को शुद्ध करता है। हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों को खत्म करता है। इसे एक तरह का एयर प्यूरीफायर कहा जा सकता है। स्मॉग टावर बिजली से चलता है। वहीं दिल्ली में लगे स्मॉग टावर को सोलर लाइट से संचालित किया जा रहा है। दिल्ली के कनॉट प्लेस के पास लगा स्मॉग टावर 80 से 90 फीसदी तक की हवा को शुद्ध कर सकता है। इसे आईआईटी की मदद से बनाया गया है। ये बेहद ही बड़ा स्मॉग टावर (Smog Tower Hindi) है जो कि काफी किलोमीटर तक की हवा को साफ कर सकता है।

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स्मॉग टावर कैसे करता है काम 

स्मॉग टावर सबसे पहले अपने अंदर हवा को खींचता है। हवा को खींचने का काम टावर के बॉटम में स्थित फैन करते हैं। जो कि निगेटिव प्रेशर पैदा करते हैं। जिसके कारण टावर के ऊपर से हवा अंदर आ जाती है। फिर टावर के अंदर लगे फिल्टर हवा को शुद्ध करते हैं और उसके अंदर मौजूद प्रदूषण कणों को छानते हैं। उसके बाद साफ हवा को टावर के बाहर छोड़ा जाता है। एक स्मॉग टावर को बनाने में करोड़ रुपए की लागत लगती है। दिल्ली में लगा स्मॉग टावर (Smog Tower Delhi) देश का पहला स्मॉग टावर है। जो कि अक्टूबर महीने से काम करना शुरू कर देगा।

आखिर क्यों पड़ी जरूरत

गौरतलब है कि अक्टूबर महीने में दिल्ली की वायु प्रदूषित हो जाती है। पराली के कारण राजधानी की हवा जहरीली बन जाती है। कई सालों से दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। ऐसे में इस समस्या का हल निकालते हुए दिल्ली सरकार ने स्मॉग टावर को लगाया है। ताकि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके।

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