जानें कब है गुरु पूर्णिमा और शुभकामना संदेश (Guru Purnima 2023)

गुरु पूर्णिमा का पर्व इस वर्ष 3 जुलाई को आ रहा है। इस पर्व के दौरान गुरुओं की पूजा की जाती है और उनसे आशीर्वाद ग्रहण किया जाता है। आषाढ़ मास को पड़ने वाली पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Purnima july 2023) कहा जाता है। पुराणों के मुताबिक गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के दिन गुरु और उन लोगों की पूजा किया जाता है जिनसे आपु ज्ञान अर्जित करते हैं।

क्यों मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima)

मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के दिन ही हमारे महान आदिगुरु महर्षि वेद व्यास का जन्म इस धरती पर हुआ था। इन महान आदिगुरु ने ही महाभारत और चार वेदों की रचना की थी। इस दिन आदिगुरु महर्षि वेद व्यास का पूजन करने की विधि भी है।

कौन हैं महर्षि व्यास

महर्षि व्यास हमारे देश में जन्में एक महान विद्वान में गिने जाता है। इनकी वजह से ही आज हमें महाभारत की इतिहास पढ़ने का मौका मिला है। साथ में ही हमारे धर्म से जुड़े सभी 18 पुराणों के रचयिता भी यही हैं। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा (Vyas Purnima) के नाम से भी जावना जाता है।

गुरु पूर्णिमा 2020

गुरु पूर्णिमा 2020 की तिथि और शुभ मुहूर्त क्या है इसकी जानकारी इस प्रकार है। गुरु पूर्णिमा 2020 को जुलाई महीने की 5 तारीख को आ रही है। हालांकि ये 4 जुलाई 2020 को सुबह 11 बजकर 33 मिनट से शुरू हो जाएगी और 5 जुलाई 2020 को सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी। इस बार फिर से गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने वाला है। पिछले साल यानी गुरु पूर्णिमा 2019 के दौरान भी चंद्र ग्रहण था।

गुरु पूर्णिमा का महत्‍व

गुरु पूर्णिमा को बेहद ही महत्‍वपूर्ण माना गया है। क्योंकि ये दिन गुरु से जुड़ा है और हमारे शास्त्रों में गुरुओं को प्रथम स्थान दिया गया है। इस पूर्णिमा के दिन गुरुओं की पूजा करने का रिवाज है। ताकि शिक्षक अपने गुरुओं को सम्मना दे सके। पुराने समय में गुरुकुल में ही बच्चे ज्ञान हासिल करने दाया करते थे और इस पूर्णिमा के दिन अपने गुरु की पूजा कर उन्हें ज्ञान देने के लिए शुक्रिया अदा करते थे। वहीं आज भी पूर्णिमा इसी के इसी इस रिवाज का पालन किया जाता है और गुरुओं का पूजन होता है। गुरुओं के अलावा इस दिन अपने से बड़े लोगों का भी पूजन कर उनसे आशीर्वाज लिया जाता है।

गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि

  • गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान करें और स्वच्छ वस्‍त्र पहन लें।
  • घर के मंदिर में एक चौकी स्थापित कर दें। इस पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाकर दें।
  • इस कपड़े पर हल्दी की सहायता से  12-12 रेखाएं बनाकर व्यास-पीठ बनाएं। आप चाहें तो अपने गुरु की फोटो भी रख सकते हैं।
  • ”गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये” मंत्र का जाप करें।
  • गुरु अगर आपके पास है तो पूजा करने के बाद उनके पैरों को साफ करे और उनके पैरों में फूल अर्पित कर दें. इसके बाद गुरु से आशीर्वाद लें और उन्होंने अच्छे स भोजन करवा दें।
  • गुरु अगर आपके पास है तो पूजा करने के बाद उनके पैरों को साफ करे और उनके पैरों में फूल अर्पित कर दें. इसके बाद गुरु से आशीर्वाद लें और उन्होंने अच्छे स भोजन करवा दें।

गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं  (Guru Purnima)

अगर किसी कारण आपके गुरु आपसे दूर रहते हैं, तो आप उनको गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं जरूर भेजे। गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं की फोटो भेजकर उनका इस दिन की बधाई दें।

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