लोकल फॉर वोकल का अर्थ, मतलब और फायदे (Local For Vocal Meaning In Hindi)
पीएम नरेन्द्र मोदी की और से देश में एक नई मुहिम चलाई गई है, जिसे मोदी जी ने लोकल फॉर वोकल नाम दिया है। लोकल फॉर वोकल ( Local for Vocal) शब्द लोगों के लिए नया है और कई सारे लोगों को लोकल फॉर वोकल का मीनिंग( Local for Vocal meaning in hindi) क्या है, लोकल फॉर वोकल फायदे और ये नारा क्यों दिया गया है इसके बारे में पता नहीं है।
लोकल फॉर वोकल मीनिंग क्या है (Local for Vocal meaning)
देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए मोदी जी ने लोकल फॉर वोकल (Local for Vocal meaning in hindi) का नारा दिया है। लोकल फॉर वोकल (Local for Vocal) के जरिए मोदी जी ने देश की जनता को देश में बनें उत्पादों को खरीदने के लिए और देश में ही उत्पादों का निर्माण करने का संदेश दिया है।
लोकल फॉर वोकल का उद्देश्य
लोकल फॉर वोकल का सिर्फ एक मात्र ही उद्देश्य है जो कि देश की अर्थव्यवस्था को मजूबत करना और आत्मनिर्भर बनाना हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता से अनुरोध किया है कि वो अब आत्मनिर्भर बनें और दूसरे देशों के उत्पादों पर निर्भर होना बंद कर दें। खुद से ही देश में चीजों का उत्पाद किया जाए और भारत के लोग इन उत्पादों को ही खरीदें।
लोकल फॉर वोकल के फायदे क्या हैं
लोकल फॉर वोकल के फायदों पर नजर डाली जाए तो ये अनगिनत हैं। जो कि इस प्रकार हैं।
- लोकल फॉर वोकल की मदद से देश को आत्मनिर्भर बनाने की पहल पहली बार किसी सरकार द्वारा की गई है।
- लोकल फॉर वोकल की मदद से लोगों को अपना व्यापार शुरू करने के लिए सरकार की और से प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- इन मुहिम की वजह से देश के लोगों को देश के उत्पादों को खरीदने के लिए भी प्ररेति किया जा रहा है।
- ये कदम देश में नौकरियों की कमी को भी पूरा करेगा।
आखिर क्यों पड़ी लोकल फॉर वोकल की जरूरत
दरअसल भारत देश अन्य देशों पर काफी निर्भर करता है, जिसकी वजह से अन्य देशों की कंपनियां भारत में व्यापार करके खूब धन कमा रही है। ऐसा होने से इन देशों की अर्थव्यवस्था को ही मजबूती मिल रही है। सरकार का उद्देश्य है कि इन देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की जगह क्यों ना अपने देश में ही उत्पाद किया जाए। ताकि हमारे देश की जनता स्वदेशी सामान खरीद सके।
कोरोना काल ने दी लोकल बनने की सीख
कोरोना काल के दौरान देश को लोकल बनने का सबक मिला है। दरअसल कोरोना के वक्त भारत को पीपीई, टेस्टिंग किट व अन्य चीजों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर होना पड़ रहा था। वहीं चीन देश से जो पीपीई और टेस्टिंग किट भारत की और से खरीदे गए थे, वो सही नहीं थे। कोरोना के दौरान लोकल उत्पादों की अहमियत समझ आई और सरकार ने देश को लोकल फॉर वोकल (Local for Vocal) बनाने की तरफ एक दम उठाया।
भारत सरकार का लक्ष्य है कि वो लोकल प्रोडक्ट और लोकल सप्लाई चेन को देश में मजबूत करें। ऐसा करने से लोकल प्रोडक्ट को बढ़ावा मिलेगा और लोकल अर्थव्यवस्था भी बढ़ेगी। वहीं लोकल से ग्लोबल बनने का सपना आसानी से पूरा हो जाएगा।
लोकल फॉर वोकल ( Local for Vocal) बनने के लिए भारत सरकार ने जरूरी कदम भी उठाए और अब भारत में खुद से ही पीपीई किट, टेस्टिंग किट और दवाईयां बनाई जा रही है। कोरोना काल के दौरान कई सारी भारतीय कंपनियां आगे आई और इन उत्पादों को बनाया गया। ऐसा करने से इस बुरे दौर में लोगों को रोजगार मिल सका और साथ में ही देश ने आत्मनिर्भर की और कदम भी रखा।
मोदी जी के लोकल फॉर वोकल ( Local for Vocal) नारे की वजह से ही अब देश के लोग चीन के उत्पादों को खरीदने से बच रहे हैं और केवल उन्हीं उत्पादों को खरीद रहे हैं जो कि देश द्वारा बनाए गए हैं। इतना ही नहीं देश के करोड़ों लोगों को व्यापार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया है।
विदेशी कंपनियों का है कब्जा
भारत के कई सारे ऐसे बाजार हैं, जहां पर केवल विदेशी कंपनियों का ही दबदबा है। इसलिए अब वो समय आ गया है कि देश लोकल फॉर वोकल बनेंगा और विदेशी कंपनियों के कब्जे को भारत की हर मार्केट से हटाया जाएगा। आपको जानकर ये हैरानी होगी कि बिस्कुट, चाकलेट, पानी,, चिप्स जैसी मार्केट पर केवल विदेशि कंपनियों का ही कब्जा है।
उम्मीद करते हैं कि आपको लोकल फॉर वोकल (Local For Vocal Meaning In Hindi) क्या है और क्यों ये जरूरी है इसका जानकारी मिल गई होगी।