इन तीन कारणों से दिल्ली में बुरी तरह से फैला कोरोना वायरस, जुलाई तक 5 लाख पहुंच जाएगा आंकड़ा

Delhi Corona Cases : दिल्ली में कोरोना वायरस (why corona cases increasing in delhi) के केस काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और अगर वक्त रहते दिल्ली की जनता सावधान नहीं हुई है, तो कोरोना वायरस के मामले में दिल्ली मुंबई को पीछे छोड़ सकती है। भारत में जब कोरोना वायरस के केस आना शुरू हुए थे उस वक्त दिल्ली के हालात काफी अच्छे थे और दिल्ली से बेहद ही कम कोरोना वायरस के केस सामने आ रहे थे। वहीं मुंबई में उस वक्त से ही कोरोना वायरस के केस अधिक आ रहे थे और इस दौरान भी मुंबई कोरोना वायरस के नए मामलों की सूची में सबसे ऊपर थी। लेकिन अब दिल्ली के हालात मुंबई जैसे ही हो गए हैं और दिल्ली में कोरोना वायरस के केस रोजाना 1000 से अधिक आ रहे हैं। 11 जून को तो दिल्ली में कोरोना के कुल 1800 से अधिक मामले सामने आए थे। वहीं किन कारणों के चलते दिल्ली में कोरोना वायरस (why corona cases increasing in delhi) फैल रहा है, इसका विश्लेषण आज हम करने वाले हैं और आपको बताने वाले हैं कि आखिर क्यों दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों ने इतनी तेजी से रफ्तार पकड़ ली है।

तो इन कारणों से दिल्ली में इतनी तेजी से फैल रहा है कोरोना वायरस (why corona cases increasing in delhi)

लॉकडाउन खत्म होना

corona virus in delhi
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दिल्ली में कोरोना वायरस के तेजी से फैलने की जो सबसे बड़ी वजह है वो दिल्ली में लॉकडाउन खत्म होना है। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली से लॉकडाउन हटा दिया है। जिसके बाद से दिल्ली के लोग घरों से बाहर निकल आए हैं और अपनी आम जिंदगी लोगों ने जीना शुरू कर दी है। लॉकडाउन हटते ही लोग शायद ये भूल गए हैं कि घर के बाहर कोरोना है और यहीं वजह है कि दिल्ली के लोग लॉकडाउन खत्म होने के बाद अपने घर से इस तरह से बाहर निकल रहे हैं, जैसे कि कोरोना कभी दिल्ली में आया ही नहीं। दिल्ली के लोगों की ये लापरवाही उनपर और उनके घर वालों पर काफी भारी पड़ रही है और दिल्ली में कोरोना तेजी से फैल रहा है।

दिल्ली सरकार की नाकामी

corona virus in delhi
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फरवरी महीने के अंत में दिल्ली सरकार पूरे जोश के साथ कोरोना से लड़ने की तैयारी कर रही थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना से कैसे बचा जाए और लोगों का इलाज किस तरह से हो ये सभी तैयारी जोरो शोरों से की। लेकिन जैसे -जैसे दिन गुजरते गए दिल्ली के मुख्यमंत्री का जोश कम होने लगा और केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को कोरोना के साथ जीने की आदत डालने तक की सलाह दे दी। इतना ही नहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री ने तो यहां तक कह दिया की उन्होंने बेड तैयार कर दिए हैं। यानी अब लोगों को अगर कोरोना हो जाए तो इससे दिल्ली के मुख्यमंत्री को कोई फर्क नहीं पड़ता है। क्योंकि आप लोगों के लिए दिल्ली में अस्पतालों में बेड तैयार हैं। दिल्ली में कोरोना को रोकने की जगह केजरीवाल ने दिल्ली में बेड के इंतजाम करने पर जोर दिया। जिसकी वजह से आज दिल्ली में कोरोना के मामले 30 हजार के पास पहुंच गए हैं। दुख की बात तो ये है कि केजरीवाल ने ये दावा किया था कि उनकी सरकार ने कोरोना के इलाज के लिए बेड तैयार कर लिए हैं। लेकिन जब दिल्ली में कोरोना फैलने लगा तो लोगों को अस्पतालों में भर्ती होने के लिए जंग लड़नी पड़ रही है। वहीं ऐसे हालात होने पर अब केजरीवाल का कहना है कि कोरोना के मरीजों का इलाज घर पर किया जाएगा और केवल उन्हीं मरीजों को भर्ती किया जाएगा जिनकी हालात खराब होगी। इस बीच ये सवाल जरूर उठता है कि अगर कोई व्यक्ति घर में ज्यादा बीमार हो जाता है तो क्या तुरंत उस तक मदद सरकार पहुंच सकती है। क्या उस वक्त की जान को बचाने की पूरी कोशिश की जाएगी? दिल्ली के अस्पतालों के हालातों को देखते हुए तो ऐसा मुमकिन नहीं लगता है। यानी साफ तौर पर दिल्ली सरकार की नाकामी की वजह से दिल्ली के लोगों को ये दिन देखने पड़ रहे हैं।

पैसों की कमी

corona virus in delhi
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आपको बता दें कि ओडिशा, राजस्थान और जैसे कई सारे राज्य हैं जहां पर अभी भी राज्य को अनलॉक नहीं किया गया है। लेकिन दिल्ली की सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद भी दिल्ली को अनलॉक करना शुरू कर दिया है। दरअसल दिल्ली सरकार के पास पैसे नहीं बचे हैं और पैसे कमाने के लिए दिल्ली सरकार ने लॉकड़ाउन को खत्म किया है। ताकि टैक्स के जरिए पैसे कमा सके। ओडिशा, राजस्थान जैसे राज्यों ने अपने राज्य के लोगों की जान को सबसे ऊपर रखा वहीं दिल्ली सरकार ने अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने पर जोर दिया। खुद दिल्ली सरकार ने माना है कि सरकार के पास पैसे नहीं ऐसे में वो सराकरी कर्मचारियों की सैलरी कहां से दे। इस समस्या का हल निकालने के लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली को ऐसी स्थिति में अनलॉक करना शुरू कर दिया। जब दिल्ली में लॉकडाउन की बेहद ही जरूरत थी। ये सच है कि कोरोना वायरस लंबे समय तक रहने वाला है। लेकिन दिल्ली सरकार को ये भी समझना चहिए की दिल्ली में आबादी काफी ज्यादा है और यहां कि स्वस्थ व्यवस्था इतनी अच्छी नहीं है कि दिल्ली के हर इंसान का इलाज किया जा सके।

सोशल डिस्टन्सिंग

corona virus in delhi
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दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए खुद दिल्ली के लोग भी जिम्मेदार हैं। दिल्ली में लॉकडाउन खुलने के बाद लोग जैसे ये भूल ही गए कि आखिर सोशल डिस्टन्सिंग क्या होती है और इस समय ये बेहद ही जरूरी है। लोगों ने सोशल डिस्टन्सिंग के नियमों का सही से पालन नहीं किया और यही वजह है कि दिल्ली में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है और जुलाई महीने तक दिल्ली में पांच लाख से अधिक कोरोना के मामले सामने आ सकते हैं। लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो केवल सोशल डिस्टन्सिंग और हाथों की सफाई की मदद से ही कोरोना से लड़ सकते हैं और इससे बच सकते हैं।

 

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