रोज इतनी अगरबत्ती जलाने से प्रसन्न हो जाते हैं भगवान, भूलकर भी ना जलाएं एक अगरबत्ती

रोज इतनी अगरबत्ती जलाने से प्रसन्न हो जाते हैं भगवान, भूलकर भी ना जलाएं एक अगरबत्ती (agarbatti kitna jalana chahiye)

भगवान को कितनी अगरबत्ती लगाना चाहिए?

पूजा के दौरान अगरबत्ती (agarbatti) को जरूर जलाया जाता है। अगरबत्ती के बिना की गई पूजा को अधूरा माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि जो लोग बिना भगवान के सामने अगरबत्ती जलाकर उनका पूजन करते हैं, उनकी पूजा असफल ही रहे जाती है। हालांकि कई लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होती है कि भगवान के सामने कितनी अगरबत्ती (agarbatti) को जलाना चाहिए। अगर पूजा करते समय आपके मन में भी यहीं सवाल आता है तो आज आपको हम इसका सही उत्तर देने जा रहे हैँ। ताकि आपकी पूजा असफल ना रहे और पूजा करने का आपको पूजा फल मिल सके।

अगरबत्ती क्यों जलाई जाती है

अगरबत्ती (agarbatti) को जलाने से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार भगवान को सुगंधित चीजे पसंद है। इसलिए जब भगवान की पूजा किया जाता है तो उन्हें सुगंधित चीजे अर्पित की जाती है। ताकि भगवान प्रसन्न हो जाए। इसी तरह से पूजा करते समय भगवान के सामने अगरबत्ती (agarbatti) को भी जलाया जाता है। खुशबू वाली अगरबत्ती जलाने से भगवान तुरंत खुश होकर आपकी कामना को सुन लेते हैं।

पूजा के समय कितनी अगरबत्ती जलानी चाहिए (agarbatti kitna jalana chahiye)

भगवान के सामने कितनी अगरबत्ती (agarbatti) जलानी चाहिए? ये सवाल कई लोगों के मनों में आता है। पूजा करते समय आप तीन या पांच अगरबत्ती (agarbatti) जरूर जलाएं। कभी भी एक अगरबत्ती (agarbatti) ना जलाएं। तीन अंक त्रिदेव से जुड़ा होता है। इसलिए तीन अगरबत्ती जलाना शुभ होता है। वहीं अगर आप किसी विशेष भगवान की पूजा भी साथ में करते हैं तो एक अगरबत्ती उनके लिए भी जला दें।

अगरबत्ती जलाने के नियम

  • अगरबत्ती जलाने के नियम का वर्णन भी शास्त्रों में किया गया है। अगरबत्ती जलाने के नियम के तहत केवल वहीं अगरबत्ती जलानी चाहिए जो एकदम सही हो और कहीं से टूटी हुई ना हो।
  • केवल वहीं अगरबत्ती (agarbatti) जलाएं जो सुगंधित हों।
  • अगरबत्ती जलाते समय उसपर फूंक ना मारें।
  • अगरबत्ती जलाने के नियम के तहत इसे जलाने के बाद इसे चारों दिशा की और धूमाएं।

अगरबत्ती और कर्पूर में से क्या है बेहतर

अकसर कई लोगों के मनों में ये सवाल आता है कि आखिर अगरबत्ती और कर्पूर (agarbatti aur kapoor) में से क्या है बेहतर। दरअसल पूजा करते हुए आजकल अधिकतर लोग अगरबत्ती का ही प्रयोग करते हैं। लेकिन पूराने समय में कर्पूर का ही प्रयोग पूजा के दौरान किया जाता है। कर्पूर को अगरबत्ती से बेहतर माना जाता था। इसलिए अगक आपक अगरबत्ती और कर्पूर में से एक चीज जलाना चाहते हैं तो आप कर्पूर को ही जलाएं।

कर्पूर जलाने के नियम

कर्पूर सफेद रंग का होता है और आरती करते समय इसे ही जलाना उत्तम होता है। कर्पूर जलाने से भी कुछ नियम जुड़े होते हैं जो कि इस प्रकार हैं।

  • कभी भी एक कर्पूर ना जलाएं। एक साथ हमेशा दो कर्पूर जलाएं।
  • कर्पूर जलाने के बाद उसका धुआं पूरे घर में दे।
  • भगवान की आरती करते समय अगरबत्ती की जगह कर्पूर को ह जलाएं

हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख से आपको पता चल गया होगा कि पूजा के समय अगरबत्ती कितनी जलानी चाहिए और इसके नियम

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