- साल 2019 में संगम नगरी में होगा कुंभ मेला
- 14 जनवरी से शुरू होगा शाही स्नान
- जानिए शाही स्नान की तारीख
Kumbh Mela 2019 (Why We Celebrate Kumbh Mela In Hindi ) : कुम्भ मेला हिंदू धर्म में काफी महत्व रखता है और ये मेला 12 वर्ष के अंतराल पर होता है. ये मेला केवल चार पवित्र नदियों के किनारे ही आयोजित किया जाता है और ये चार नदियां गंगा,गोदावरी,शिप्रा और प्रयाग (प्रयागराज) है. इस मेले में हिस्सा लेने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं और जिस नदी के तट पर ये मेला लगता है उस नदी में स्नान करके लोग अपने पापों को साफ करते हैं. इस मेले की शुरूआत शाही स्नान से होती है. वर्ष 2019 में प्रथम शाही स्नान 14-15 जनवरी के दिन होने वाला है, जबकि द्वितीय और तृतीय शाही स्नान 4 फरवरी और 10 फरवरी के दिन होने वाला है. वहीं इस मेले में 13 अखाड़ों द्वारा ये स्नान किया जाता है.
कुंभ मेला क्यों मनाया जाता है (History Of Kumbh Mela In hindi)-
कुंभ मेले से जुड़ी कथाओं के अनुसार इस मेल का आयोजन उन नदियों पर किया जाता है जहां पर अमृत की बंदूें गिरी थी. कहा जाता है कि समुद्र मंथन के बाद अमृत निकलने के बाद उसको पीने को लेकर देवताओं और असुरों के बीच में लड़ाई होने लगी और किसी तरह से ये अमृत असुरों के हाथ लग गया. वहीं देवताओं को ये डर सताने लगा गया कि अगर इसका सेवन असुरों द्वारा कर लिया गया तो वो अमर हो जाएंगे और ऐसा होने से धरती पर उनका अत्याचार बढ़ जाएगा.
ये भी पढ़ें-घर में इन चीजों के होने से आदमी बनता है गरीब, नहीं जुड़ता है धन
असुर इस अमृत को पी ना पाएं इसलिए विष्णु जी ने मोहिनी का रूप धारण कर इनसे ये अमृत का पात्र हासिल कर लिया. जिसके बाद ये पात्र भगवान द्वारा गरुड़ को दे दिया गया. वहीं गरुड़ से अमृत हासिल करने के लिए असुरों ने ये पात्र उनसे छीनना शुरू कर दिया.जिसके चलते इस पात्र में रखे अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में स्थित इन नदियों में गिर गई. जिसके बाद से इन स्थानों पर 12 वर्ष के बाद कुंभ का आयोजन होने लगा. वहीं कहा जाता है कि पहला ज्ञात कुंभ मेला 1870 में प्रयागराज में हुआ था.
किन जगहों पर होता है कुंभ का मेला (kumbh mela kahan lagta hai)
किन जगहों पर होता है | कब आयोजित होता हैं |
प्रयागराज का कुम्भ मेला | गंगा, यमुना और सरस्वती |
हरिद्वार का कुम्भ मेला | गंगा |
नासिक का कुम्भ मेला | गोदावरी |
उज्जैन का कुम्भ मेला | शिप्रा |
कुंभ मेले में क्या किया जाता है –
इस मेले के दौरान लोगों द्वारा पवित्र नदी में डूबकी लगाई जाती है और स्नान किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस मेले के दौरान अगर तीन डुबकी नदियों में लगाई जाती है तो सारे पापों से मुक्ती मिलती है. साथ में ही लोगों को मोक्ष हासिल होता है.
कब-कब होता है कुंभ का मेला
ये मेला हर 12 साल के बाद होता है, हालांकि इन 12 सालों के अंदर इस मेला का आयोजन समय समय पर ऊपर बताई गई नदी के किनारे होते हैं. वहीं प्रयाग के तट पर छह साल के अंतराल के बीच अर्ध कुम्भ का आयोजन होता है. वहीं महाकुंभ का मेला सबसे बड़ा मेला होता है जो कि 144 वर्ष के इंताजर के बाद आता है और ये संयोग 12 कुंभ के मेलों के बाद आता है.
ये भी पढ़ें-जानिए मेष राशि के लोगों के लिए कैसा रहेगा साल 2019 (Mesh Rashifal 2019 In Hindi)
कितने प्रकार का होता है कुंभ का मेला (kumbh mela time period)
संख्या | कुंभ मेलों के नाम | कब आयोजित होते हैं |
1 | महा कुंभ | 144 साल के बाद |
2 | कुंभ मेला | 12 साल के बाद |
3 | अर्ध कुंभ | 6 साल के बाद |
प्रयागराज का कुम्भ मेला ( Prayag Kumbh Mela)
इस जगह पर होने वाला ये मेला काफी शुभ होता है और इस स्थान पर होने वाले इस मेले को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. वहीं साल 2019 में इस जगह पर ये मेला होने वाला है. ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक इस स्थान पर ये मेला जनवरी-फरवरी के महीने में आयोजित होता है, जब माघ महीने में मेष या वृष राशि में बृहस्पति और मकर राशि में सूर्य और चंद्रमा प्रेवश करते हैं.
हरिद्वार के कुम्भ पर्व (Haridwar Kumbh Mela)
हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे ये मेला तब किया जाता है जब चैत्र महीने यानी मार्च-अप्रैल में जुपिटर कुंभ राशि में और सूर्य मेष राशि में होता है.
नासिक का कुम्भ पर्व (nashik kumbh mela)
नासिक से इस मेला का आयोजन गोदावरी नदी के तट पर किया जाता है और ये मेला भाद्रपद महीने यानी अगस्त-सितंबर के बीच होता है, जब सूर्य और बृहस्पति सिंह राशि में होते हैं.
उज्जैन का कुम्भ पर्व (Ujjain Kumbh Mela)
ये मेला वैशाख महीने यानी अप्रैल-मई में होता है, जब बृहस्पति सिंह राशि में और सूर्य मेष राशि में होता है.इस मेले की व्यवस्था इस शहर की शिप्रा नदी के तट पर होती है.
साल 2019 के कुंभ मेला के शाही स्नान की तारीख (Kumbh Mela 2019 snan Dates And kumbh mela 2019 bathing dates, shahi snan kab kab hai)
संख्या | 2019 कुंंभ मेले की शाही स्नान की तारीख | किस दिन है |
1 | 14-15 जनवरी 2019 | मकर संक्रांति (पहला शाही स्नान) |
2 | 21 जनवरी 2019 | पौष पूर्णिमा |
3 | 31 जनवरी 2019 | पौष एकादशी स्नान |
4 | 04 फरवरी 2019 | मौनी अमावस्या (मुख्य शाही स्नान, दूसरा शाही स्नान) |
5 | 10 फरवरी 2019 | बसंत पंचमी (तीसरा शाही स्नान) |
6 | 16 फरवरी 2019 | माघी एकादशी |
7 | 1 9 फरवरी 2019 | माघी पूर्णिमा |
8 | 04 मार्च 2019 | महा शिवरात्री |
साल 2019 के मेले में कैसे जाएं (how to reach kumbh mela 2019)
प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले में आप सड़क रेलवे या अन्य मार्गों से जा सकते हैं और इस जगह पर होने वाले कुंभ के मेले की तैयारी सरकार द्वारा पूरी कर दी गई है.यानी आप इस मेले में जाने के लिए अपनी बुकिंग कर वा सकते हैं. वहीं इस मेले में कैसे जाएं और इस मेले के दौरान कहां रुकें इस प्रकार की जानकारी आपको https://kumbh.gov.in/en इस लिंक पर जाकर मिल जाएगी.
कब आएगा कुंभ मेला
12 साल के बाद होने वाला कुंभ का मेला साल 2025 में आनेवाला है. इससे पहले ये मेला साल 2013 में हुआ था और उस साल हुए इस मेले में 10 करोड़ की संख्या में लोग आए थे.