बसंत पंचमी कब है, मुहूर्त, महत्व, पूजा और साल 2019 की बसंत पंचमी की तारीख (Basant Panchami 2019)

बसंत पंचमी कब है, बसंत पंचमी का मुहूर्त, महत्व, पूजा और साल 2019 की बसंत पंचमी की तारीख (Basant Panchami 2019, Basant Panchami In Hindi)

बसंत पंचमी का त्योहार हर वर्ष सेलिब्रेट किया जाता है और इस पर्व के दिन मां सरस्वती की आराधना की जाती है. मां सरस्वती को अर्पित ये दिन काफी खास होता है और ये पर्व माघ महीने की शुक्ल पंचमी के दिन मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवी सरस्वती का उद्गम हुआ था और इसके चलते ही इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इस साल इस दिन बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खोले जा रहे हैं. वहीं ये पर्व क्यों मानते हैं और किस तरह से सरस्वती मां की पूजा की जाती है ये हम आपको आज बताने जा रहे हैं.

साल 2019 की बसंत पंचमी से जुड़ी जानकारी (Basant Panchami 2019 Date And Timing)

पंचमी कब शुरू होगी  9,फरवरी,2019

समय – 12.25 बजे से

किस दिन है 10 फरवरी, रविवार के दिन
अवधि  05 घंटे 27 मिनट
साल 2019 की वसंत पंचमी का पूजा का मुहूर्त  07.07 बजे 

समय -12.35 बजे तक

पंचमी तिथि समाप्त 10,फरवरी, 2019 को 2.08 बजे तक

 

काफी शुभ दिन होता है (Basant Panchami Essay In Hindi)

बसंत पंचमी का दिन काफी शुभ होता है और इस दिन किए गए नेक कार्यों का फल जरूर मिलता है. इस दिन बच्चे मां सरस्वती की आराधना कर उनसे अच्छी विद्या पाने की कामना करते हैं. जबकि कई लोग इस दिन अपने घर की नींव, वाहन खरीदना और इस तरह के नेक कार्य करते हैं.

पीले रंग का है महत्व

इस पर्व में पीले रंग का काफी महत्व है और ऐसा कहा जाता है कि ये रंग मां सरस्वती से जुड़ा हुआ है. इसलिए इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े धारण करते हैं और साथ में पीले रंग के पकवान मां को पूजा के समय अर्पित भी करते हैं.

करते हैं किताबों की पूजा (How Do We Celebrate Basant Panchami)

मां सरस्वती को ज्ञान और सुरों की देवी का दर्जा प्राप्त है और इसलिए इस दिन बच्चे अपनी किताबों की पूजा करते हैं. ताकि मां उनको अधिक से अधिक ज्ञानी बना सकें. इस दिन बच्चे अपनी सारी किताबें मां सरस्वती के चरणों पर रखते हैं और फिर मां के साथ साथ अपनी किताबों की पूजा करते हैं.

होता है खास आयोजन

सरस्वती मां को विद्या से जुड़ा हुआ माना जाता है और इसलिए इस दिन को लेकर स्कूल द्वारा विशेष कार्यक्रम किए जाते हैं और इन कार्यक्रमों में विद्यार्थियों द्वारा मां की पूजा की जाती है.

बच्चों को पहला अक्षर सिखाया जाता है

ये दिन विद्या के लिए काफी शुभ है इसलिए कई लोग इस दिन छोटे बच्चों को पहला अक्षर लिखना सिखाते हैं. साथ में ही कई जगहों पर इस दिन किताबों को खोला नहीं जाता है और उनकी इस दिन केवल पूजा ही की जाती है.

वसंत पंचमी की पौराणिक मान्यताएं

कहा जाता है कि मां सरस्वती से प्रसन्न होकर उनके ये वरदान मिला था कि हर वर्ष माघ माह की शुक्ल पंचमी को उनकी पूजा की जाएगी और इस दिन को बसंत पचंमी के रुप में जाना जाएगा. भगवान श्रीकृष्ण जी की और से दिए गए इस वरदान के बाद से इस पर्व को मनाया जाने लगा और माता की आराधना की जाने लगी.

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