खुशखबरी अब ऑनलाइन देखी जा सकेगी ज्वालामुखी मंदिर की आरती (Jwalamukhi Temple Live Darshan And Aarti)

ऑनलाइन देखी जा सकेगी ज्वालामुखी मंदिर की आरती 

वेबसाइट के जरिए देखी जा सकती है ये आरती

ज्वालामुखी : ज्वालामुखी मंदिर भारत के सबसे फेमस मंदिरों में से एक है जो कि हिमाचल प्रदेश राज्य में है और हर साल ज्वालामुखी मंदिर में माता रानी और इस मंदिर में जलने वाली ज्योति के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में लोग यहां आते हैं. वहीं अब अन्य प्रसिद्ध मंदिरों की तरह इस मंदिर की आरती भी लोग लाइव अपने घर पर बैठकर देख सकेंगे.

वेबसाइट के जरिए देखी जाएगी आरती (Jwalamukhi Temple Online Darshan And Aarti)

शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर की आरती अब लोग इस मंदिर में जाए बिना देख सकेंगे. बताया जा रहा है कि इस मंदिर की अब अपनी वेबसाइट बनने जा रही है और इस वेबसाइट पर लोग ऑनलाइन आरती देख सकेंगे.

अन्य मंदिरों की आरती भी देखी जा सकेगी

अधिकारियों के मुताबिक ज्वालामुखी मंदिर के अलावा इस वेबसाइट में इस जिले के अन्य मंदिरों को भी देखा जा सकेगा. कहा जा रहा है कि जल्द ही ज्वालामुखी मंदिर की वेबसाइट को बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा.

दान भी कर सकेंगे लोग

ज्वालामुखी मंदिर की वेबसाइट को बनाने से जुड़ी सभी स्वीकृति हासिल होते ही वेबसाइट को बनाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा और इस वेबसाइट में लाइव दर्शन करने के साथ साथ मंदिर से जुड़ी जानकारी और लोगों को दान देने की भी सुविधा भी दी जाएगी. यानी आप कहीं से भी दर्शन करने के साथ साथ इस मंदिर के लिए दान भी कर सकेंगे.

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जवालामुखी मंदिर से जुड़ी जानकारी (Jwalamukhi Temple Histroy And Information)

कहा हैं ये मंदिर

ज्वालामुखी एक शक्तिपीठ है जो कि हिमाचल प्रदेश के कंगड़ा जिले में स्थित है और इस मंदिर में हर साल लाखों लोग माता के दर्शन करने आते हैं. इस मंदिर में एक ज्योत है जो कि हर वक्त जलती रहती है और ये ज्योत बिना किसी तेल से जलती है. कहा जाता है कि ये ज्योति सदियों से ऐसे ही जली आ रही है.

हर रोज होती हैं पांच आरती

ज्वालामुखी मंदिर में हर रोज पांच बारी आरती की जाती है जिसमें से प्रथम आरती सुबह पांच बजे होती है. जिसे मंगल आरती के नाम से जाना जाता है. वहीं दूसरी आरती दोपहर के वक्त की जाती है और इस समय एक और आरती भी की जाती है जिसे भोग आरती कहते हैं. इस आरती को करने के बाद जो अगली आरती ज्वालामुखी मंदिर में की जाती है वो शाम को सात बजे होती है. और दिन की सबसे आखिरी आरती रात को 10 बजे की जाती है. इस आरती के दौरान माता रानी के बेड को सजाया जाता है.

अकबर से जुड़ी कहानी

इस मंदिर में आने वाले लोग अकबर द्वारा माता रानी को चढ़ाए गए छत्र को जरुर देखते हैं, जो कि तांबे का है. कहा जाता है कि अकबर द्वारा माता रानी को सोने का छत्र चढ़ाया गया था लेकिन उसके घमड़ के कारण माता रानी ने इस छत्र को तांबे का कर दिया था और आज भी ये छत्र ज्वालामुखी मंदिर के अंदर मौजूद है.

ज्वालादेवी देवी कैसे पहुंचे (How To Reach Jwalamukhi )

ज्वालादेवी मंदिर आप ट्रेन, बस या हवाई जहाज से जा सकते हैं, हालांकि इन तीनों मार्गों में से सबसे अच्छा मार्ग बस का है. दिल्ली से कई सारी बसें सीधा ज्वालादेवी मंदिर के लिए जाया करती हैं. वहीं अगर आप ट्रेन के जरिए इस मंदिर के लिए जाते हैं तो आप ऊना या फिर पठानकोट के स्टेशन के लिए ट्रेन ले सकते हैं. इन स्टेशन पहुंचने के बाद आप बस या टैक्सी के जरिए इस ज्वालमुखी मंदिर में जा सकते हैं. वहीं इस राज्य के कांगड़ा जिला में स्थित हवाई अड्डे पर उतरकर आप वहां से बस या टैक्सी करके भी इस मंदिर में पहुंच सकते हैं.

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