लोकसभा चुनाव कैसे होते हैं, प्रक्रिया और इतिहास (Lok Sabha Election Process In Hindi)

लोकसभा चुनाव कैसे होते हैं, प्रक्रिया और इतिहास (Lok Sabha Election Process In Hindi)

लोकसभा चुनाव क्या है और इसका इतिहास (Lok Sabha History In Hindi)

लोकसभा के चुनाव हर पांच वर्ष बाद किए जाते हैं और इन चुनावों के जरिए केंद्र की सरकार का चयन आम जनता द्वारा किया जाता है. लोकसभा चुनावों को पूरे भारत में करवाया जाता है और इन चुनावों को करवाने की जिम्मेदारी भारतीय निर्वाचन आयोग की होती है. हमारे देश में ये चुनाव प्रथम बार 1952 में हुए थे और इस चुनाव को कांग्रेस पार्टी द्वारा जीता गया था. वहीं उस वक्त ये चुनाव 489 लोकसभा की सीटों पर लड़े गए थे और इस चुनाव को 1849 उम्मीदवारों द्वारा लड़ा गया था. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 364 सीटों पर विजय मिली थी और इस पार्टी द्वारा हमारे देश को चलाने की शुरुआत की गई थी.

लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया (Lok Sabha Election Process )

संविधान द्वारा भारत के हर राज्य के लिए कुछ लोकसभा सीटे निर्धारित की गई हैं, जो कि राज्य की जनसंख्या के हिसाब से बनाई गई हैं. वहीं ये सीटें साल 1971 में हुई जनसंख्या के हिसाब से निर्धारित की गई हैं और अब साल 2026 में इन सीटों को फिर से निर्धारित किया जाना है. दरअसल जिस राज्य की जनसंख्या जितनी अधिक होती है उस राज्य में उतनी अधिक लोकसभा सीटें होती हैं और इन्हीं लोकसभा सीटों पर ये चुनाव करवाए जाते हैं. इस वक्त हमारे देश में इस सदन की कुल 545 सीटें हैं जिनमें से 543 सीटों पर ये चुनाव करवाए जाते हैं. जबकि बची दो सीटों पर एंग्लो-इंडियन समुदाय को राष्ट्रपति द्वारा नामिक (Nominated) किया जाता है.

कई चरणों में होते हैं ये चुनाव 

लोकसभा के चुनाव को कई चरणों में करवाया जाता है और ये चुनाव किस राज्य में किस तारीख को होने होते हैं और कितने चरणों में होने होते हैं, इसका फैसला चुनाव आयोग करता है. साथ में ही जैसे ही ये चुनाव खत्म हो जाते है तो उसके बाद सभी सीटों के वोटों को एक साथ गिना जाता है और जिस सीट से जो उम्मीदवार जीतता है वो लोकसभा का सदस्य यानी एमी (Member of parliament) बन जाता है और पांच साल के लिए इस पद पर रहता है.

किस राज्य से कितनी सीट आती हैं और भारत में लोकसभा की कितनी सीट है (Lok Sabha Seats )

हमारे देश में कुल 29 राज्य हैं और 7 केंद्र शासित प्रदेश हैं, वहीं किन राज्य से कितनी सीटें हैं इसकी जानकारी इस प्रकार है.

संख्या राज्य का नाम कितनी लोकसभा सीट हैं, कब बना राज्य और रियासत
1 आंध्र प्रदेश 25, (1 अक्टूबर 1953)
2 अरुणाचल प्रदेश

 

2 ( 20 फरवरी 1987)
3 असम 14 ( 26 जनवरी 1950)
4 बिहार 40  (गठन 22 मार्च 1912

(बिहार दिवस)

रियासत 26 जनवरी 1950)

5 छत्तीसगढ़ 11 (1 नवंबर 2000)
6 गुजरात 26  (1 मई 1960)
7 हरियाणा 10 (1 नवंबर 1966)
8 हिमाचल प्रदेश 4 (25 जनवरी 1971
9 जम्मू और कश्मीर 6 ( 26 अक्टूबर 1947)
10 झारखंड 14 (15 नवंबर 2000)
11 कर्नाटक 28 (1 नवंबर 1956)
12 केरल 20 (नवंबर 1956)
13 मध्य प्रदेश 29
14 महाराष्ट्र 48
15 मणिपुर 2
16 मेघालय 2
17 मिजोरम 1
18 नगालैंड 1
19 ओडिशा 21
20 पंजाब 13
21 राजस्थान 25
22 सिक्किम 1
23 तमिलनाडु 39
24 तेलंगाना 17
25 त्रिपुरा 2
26 उत्तराखंड 5
27 उत्तर प्रदेश 80
28 पश्चिम बंगाल 42
29 गोवा 2

 

केंद्र शासित प्रदेश में कितनी हैं लोकसभा की सीट

संख्या नाम कितनी सीटे हैं
1 पडुचेरी 1
2 लक्षद्वीप 1
3 दिल्ली 7
4 दमन और दीव 1
5 दादरा और नगर हवेली 1
6 चंडीगढ़ 1
7 अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह 1

 

अभी तक कितनी बार हो चुके हैं ये चुनाव-

लोकसभा के चुनाव के बाद नया लोकसभा का सत्र शुरू होता है और हमारे देश में इसका प्रथम सत्र सन् 1952 में हुए था. वहीं इस वक्त हमारे देश में इसका 16 वां सत्र चल रहा है. यानि ये चुनाव हमारे देश में 16 बार हो चुके हैं और 17 वीं बार ये चुनाव इस साल होने जा रहे हैं.

17 वीं लोकसभा का चुनाव और साल 2019 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019)

साल 2019 में हमारे देश की 17 वीं लोकसभा के चुनाव होंगे और इन चुनावों की तारीख का ऐलान अभी किया नहीं गया है. ये चुनाव कई चरण के तहत पूरे भारत में करवाएं जाएंगे. वहीं जो पार्टी इन चुनावों को जीतेगी वो 17 वीं लोकसभा को चलाएगी.

कौन लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव ( Qualifications)

लोकसभा चुनाव को कोई भी भारतीय लड़ सकता है और इस चुनाव को लड़ने के लिए आपका किसी पार्टी से जुड़ा होना जरूरी है. हमारे देश में कई सारी पार्टियां हैं जो कि इन चुनावों में अपने उम्मीदवार को खड़ा करती हैं. वहीं जो लोग किसी भी पार्टी से नहीं जुड़े होते हैं वो अपनी पार्टी बना कर निर्दलीय के तौर पर ये चुनाव लड़ते हैं. वहीं लोकसभा चुनाव लड़ने से जुड़ी अन्य योग्यता इस प्रकार है –

  • जो ये चुनाव लड़ना चाहता है उसकी आयु 25 साल से कम की नहीं होनी चाहिए, साथ में ही उसके पास वोटर कार्ड होना अनिवार्य है.
  • भारत का नागिरक होने के साथ साथ वो किसी केस में दोषी नहीं होना चाहिए.

लोकसभा का गठन और स्पीकर का चयन (Lok Sabha Speaker Election Process)

लोकसभा चुनाव पूरे होने के बाद जिस पार्टी के पास अधिक सीटें होती हैं और जो पार्टी बहुमत साबित करने में सफल रहती है, वो केंद्र में सरकार बना पाती है. वहीं जिस पार्टी की और से सरकार बनाई जाती है उसी पार्टी द्वारा चुना व्यक्ति लोकसभा का स्पीकर बनता है. दरअसल लोकसभा स्पीकर के चयन के लिए लोकसभा के लिए चुने गए सदस्यों द्वारा वोट डाले जाते हैं. इसलिए उसी पार्टी के द्वारा चुना गया व्यक्ति स्पीकर बनता है जिसका बहुमत सदन में अधिक होता है.

चुना जाता है पीएम (Pm Election Process)

जो पार्टी केंद्र में सरकार बनाने के लिए चुनी जाती है उसी पार्टी की और से ही देश को पीएम दिया जाता है और उस पार्टी के सदस्यों को देश के मंत्री का पद भी दिया जाता है. देश का पीएम किस व्यक्ति को बनाया जाए इस बात का पूरा निर्णय जीत गई पार्टी के द्वारा लिया जाता है.

लोकसभा और राज्यसभा में अंतर (Lok Sabha And Rajya Sabha Differences )

  • हमारे देश के दोनों सदन यानी लोकसभा और राज्यसभा के द्वारा ही हमारे देश को चलाने का फैसले लिया जाता हैं. वहीं हरे रंग का सदन जहां लोकसभा से जुड़ा होता है. वहीं लाल रंग का सदन राज्यसभा को दर्शाता है.
  • राज्यसभा के सदस्यों का चयन जनता द्वारा नहीं किया जाता है और इनका चयन जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि किया करते है और इस सदन में कुल 250 सीटें होती हैं.
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