विक्रम साराभाई की जीवनी (Scientist Vikram Sarabhai In Hindi)

Scientist Vikram Sarabhai In Hindi विक्रम साराभाई (Scientist Vikram Sarabhai) भारत के एक महान वैज्ञानिक थे और इनकी योगदान की वजह से ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन आज दुनिया की सबसे सफल अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में एक बन पाया है. विक्रम साराभाई द्वारा दिए गए योगदान को उनके जन्म दिवस 12 अगस्त के दिन गूगल द्वारा याद किया गया है और गूगल ने अपना डूडल पेज विक्रम साराभाई  के 100 वें जन्मदिवस पर समर्पित किया है. विक्रम साराभाई कौन थे और विक्रम साराभाई की जीवनी इस प्रकार है.

विक्रम साराभाई का जीवन परिचय (Scientist Vikram Sarabhai biography in hindi)

पूरा नाम (Full Name)        विक्रम अम्बालाल साराभाई
जन्म तिथि (Birth Date) 12 अगस्त 1919
मृत्यु (Death) 30 दिसंबर, 1971
पेशा (Professions)  वैज्ञानिक 
राष्ट्रीयता (Nationality) भारतीय
धर्म (Religion)  हिंदू
पिता का नाम (Father’s Name)  अम्बालाल साराभाई

 

माता का नाम (Mother’s Name) सरला देवी
मिले सम्मान शांति स्वरुप भटनागर मैड 

पद्म भुषण

पद्म विभूषण

 

विक्रम साराभाई का जन्म और परिवार (vikram sarabhai ka jeevan parichay in hindi)

विक्रम साराभाई का जन्म भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद में साल 1919 में हुआ था. इनके पिता का नाम  अम्बालाल साराभाई और मां का नाम सरला देवी था. इनके पिता काफी अमीर हुआ करते थे और विक्रम साराभाई के कुल 7 भाई बहन थे.

विक्रम साराभाई ने गुजरात राज्य के स्कूल से ही अपनी पढ़ाई की थी और अपनी पढ़ाई 12 वीं तक पूरी करने के बाद विक्रम साराभाई आगे की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड चले गए थे. विक्रम साराभाई ने इंग्लैंड में जाकर कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के सेन्ट जॉन महाविद्यालय में दाखिला लिया और अपनी डिग्री के स्तर की पढ़ाई यहां से की.

विक्रम साराभाई ने  सितम्बर 1942 में मृणालिनी साराभाई से विवाह किया था. मृणालिनी साराभाई एक प्रसिद्ध डांसर थी. इस विवाह से इन्हें दो बच्चे हुए थे जिनका नाम कार्तिकेय साराभाई और मल्लिका साराभाई है. इनकी बेटी  मल्लिका साराभाई भी एक प्रसिद्ध डांसर हैं और उन्हें पालमे डी’ओरे पुरस्कार जीता है.

विक्रम साराभाई का योगदान

विक्रम साराभाई ने भारत आने के बाद  भौतिक अनुसन्धान प्रयोगशाला (Physical Research Laboratory) की स्थापना की। इस प्रयोगशाला को इन्होंने 11 नवंबर 1947 शुरू किया था और उस वक्त विक्रम साराभाई की आयु महज 28 साल की ही थी. इस प्रयोगशाला के माध्यम से इन्होंने अंतरिक्ष किरणों से से जुड़ी कई खोज की.

भौतिक अनुसन्धान प्रयोगशाला के अलावा साराभाई ने इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट,(IIM), प्राकृतिक योजना एवं तंत्रज्ञान विश्वविद्यालय (CEPT University), नेहरू विकास संस्था (NFD) विक्रम ए. साराभाई कम्युनिटी साइंस सेन्टर (VASCSC) की स्थापना की स्थापना भी की थी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्था और विक्रम साराभाई

विक्रम साराभाई का सबसे बड़ा योगदान भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्था (ISRO) की स्थापना में रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्था (ISRO) को 1969 में स्थापित किया था गया और आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्था (ISRO) दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्था में से बन गया है.

विक्रम साराभाई को मिले अवार्ड

इनके द्वारा दिए गए योगदान के लिए भारत सरकार ने साल 1966 में सम्मानित किया था और इन्हें पद्म भुषण दिया गया था. वहीं साल 1772 में विक्रम साराभाई को पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था. जबकि 1962 में इन्हें शांति स्वरुप भटनागर मैडल भी दिया गया था.

विक्रम साराभाई का निधन (Vikram Sarabhai Death)

विक्रम साराभाई का निधन 30 दिसंबर, 1971 में हुआ था और निधन के वक्त इनकी आयु 52 साल की थी. इन्होंने अपनी अंतिम सांस हालसीओन कैसल, तिरुवनंतपुरम, केरल में ली थी.

विक्रम साराभाई और गूगल (Vikram Sarabhai and Google 100 birthday)

विक्रम साराभाई के 100 वें जन्मदिवस (Vikram Sarabhai Birth Anniversary 100th, 2019) पर इन्हें गूगल द्वारा याद किया गया है और इन्हेंन डुडल पेज सर्मपित किया गया है. विक्रम साराभाई ने जो योगदान हमारे देश को दिया है उसकी वजह से ही भारत चंद्रयान 2, मंगल मिशन को कामयाब करने में सफल हो सका है. विक्रम साराभाई के वजह से ही भारत ने अंतिरक्ष में अपना बोलबाल साबित किया है.

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