नारायण दत्त तिवारी का जीवन परिचय (Narayan Dutt Tiwari biography in hindi, death, Age, Controversy)
Narayan Dutt Tiwari biography in hindi-कांग्रेस के जाने माने नेता नारायण दत्त तिवारी काफी लंबे समय से हमारे देश की राजनीति से जुड़े हुए थे और हाल ही में इनका निधन हो गया है. इनके निधन से हमारे देश ने एक अच्छा राजनेता खो दिया है. वहीं राजनेता होने के साथ साथ एन डी तिवारी का नाम कई तरह के विवादों से भी जुड़ा रहा है.
नारायण दत्त तिवारी की जीवनी (N. D. Tiwari Jivni )
नाम (Name) | नारायण दत्त तिवारी |
उपनाम (Nickname) | एन डी तिवारी |
जन्मदिन (Birthday) | 18 अक्टूबर 1925 |
मृत्यु तारीख (Death) | 18 अक्टूबर 2018 |
आयु मृत्यु के समय (Age) | 93 |
जन्म स्थान (Birth Place) | नैनीताल, उत्तराखंड, भारत |
शिक्षा (Education) | इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एम. ए. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएलबी |
जाति (Caste) | ब्राह्मण |
धर्म (Religion) | हिंदू |
भाषा का ज्ञान (Language) | अंग्रेजी,हिंदी |
पेशा (Occupation , Career) | राजनेता |
किस पार्टी से जुड़े थे | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
परिवार के बारे में जानकारी (Family Information)
पिता का नाम (Father’s Name) | पूर्णनंद तिवारी |
माता का नाम (Mother’s Name) | जानकारी नहीं |
पत्नी का नाम | सुशीला तिवारी (1954-1991) उज्जवाला तिवारी (2014-) |
बेटे का नाम | रोहित शेखर तिवारी |
नारायण दत्त तिवारी का जन्म और परिवार ( Birth And Family )
- नारायण दत्त तिवारी का जन्म भारत के उत्तराखंड राज्य में हुआ था और इनके पिता पूर्णनंद तिवारी फारेस्ट डिपार्टमेंट में एक अधिकारी के तौर पर कार्य करते थे. वहीं इनकी माता के बारे में जानकारी नहीं हैं.
- नारायण दत्त तिवारी ने सन् 1954 में सुशीला तिवारी से विवाह किया था और इनकी पत्नी की मौत साल 1991 में हो गई थी. जिसके बाद साल 2014 में इन्होंने फिर से विवाह किया था.
नारायण दत्त तिवारी का राजनीतिक करियर (Political career)
- नारायण दत्त तिवारी ने अपने राजनेतिक करियर की शुरूआत प्राजा सोशलिस्ट पार्टी से की थी और बाद में ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
- नारायण दत्त तिवारी प्रथम बार 2 मार्च, साल 2002 को अपने जन्म स्थान यानी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे और ये इस पद पर साल 2007 तक बने रहे थे.
- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद इन्हें सन् 1976 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गय़ा था लेकिन ये इस पद पर केवल दो साल तक ही रहे थे. वहीं इन्हें दूसरी बार फिर से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गय़ा था और दूसरी बार ये इस पद पर 3 अगस्त 1984 से लेकर 24 सितंबर 1985 तक बने रहे थे. दो बार इस पद पर रहने के बाद इन्हें तीसरी बार भी इस राज्य का मुख्यमंत्री चुना गया था. तीसर बार ये 25 जून 1988 से लेकर 5 दिसंबर 1989 तक इस पद रहे थे.
- दो राज्यों का मुख्यमंत्री रहने के अलावा ये आंध्र प्रदेश राज्य के राज्यपाल, देश के वित्त मंत्री और विदेश मामलों के मंत्री भी रहे चुके हैं.
नारायण तिवारी के साथ जुड़े विवाद (Controversies)
- नारायण तिवारी जितने बड़े नेता थे उतने सारे विवाद भी इनके साथ जुड़े हुए हैं और इनका नाम एक स्कैंडल के साथ जुड़ने के चलते इन्हें आंध्र प्रदेश राज्य के राज्यपाल के पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था.
- साल 2008 में रोहित शेखर तिवारी ने एन डी तिवारी के खिलाफ एक केस दर्ज किया था और इन्हें अपना पिता बताया था. वहीं इस केस के दर्ज होने के बाद कोर्ट ने रोहित और नारायण का डीएनए परीक्षण करवाया था और इस टेस्ट में नारायण रोहित के पिता सिद्ध हुए थे. जिसके छह साल बाद नारायण ने रोहित को अपना पुत्र मान लिया था और साल 2014 में रोहित की मां उज्जवाला से विवाह कर लिया था.
नारायण की मृत्यु (Narayan’s death)
अपने जन्मदिवस के दिन ही नारायण तिवारी का निधन दिल्ली में हो गया है और इस वक्त इनती मृत्यु हुई थी उस वक्त ये दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थी और इनकी आयु 93 साल की थी.