बसंत पंचमी 2019 की शुभकामनाओं की फोटों (Basant Panchami 2019, Basant Panchami In Hindi)
बसंत पंचमी के पर्व को हमारे देश में हर साल शुक्ल पंचमी के दिन मनाया जाता है और इस पर्व के दिन लोग मां सरस्वती की पूजा कर उनसे ज्ञान और विद्या को हासिल करने के कामना करते हैं. इस साल ये पर्व फरवरी के महीने की 9 तारीख को शुरू हो जाएगा और 10 तारीख तक चलेगा. इसलिए आप इस पर्व के दिन मां की पूजा जरूर करें और ज्ञान पाने की कामना उनसे करें. साथ में ही दिन आप पीले रंग के कपड़े भी जरूर पहनने और अपने घर को पीले रंग के फूलों से भी जरूर सजाएं.
आखिर क्या किया जाता है इस दिन (Basant Panchami In Hindi)
बसंत पंचमी के दिन सबसे पहले उठकर स्नान किया जाता है और फिर मां की पूजा की जाती है.कई लोग अपने घर में ही मां की पूजा करते हैं या फिर मंदिर में जाकर भी मां के दर्शन करते हैं. वहीं घर में पूजा करने के दौरान अपनी किताबें या फिर गाने से जुड़े यंत्र को भी मां की पूजा करते समय उनके पास रखा जाता है. दरअसल ऐसे माना जाता है कि अपनी किताबों और कला से जुड़ी अन्य चीजों की इस दिन पूजा करने से उन चीजों का और ज्ञान हासिल हो जाता है और इसी कारण के चलते लोग घर में मां के साथ अपने कला से जुड़ी चीजों की भी पूजा करते हैं. साथ में ही मां से ये आशीर्वाद मांगते हैं की मां उनको उनकी कला में सफल करें.
पीले रंग के फूल पूजा के लिए होते हैं इस्तेमाल
इस दिन पूजा करते हैं समय लोग पूजा करने में पीले रंग के फूलों का इस्तेमाल जरूर करते हैं क्योंकि पीले रंग के फूलों को मां को अर्पित करने से मां जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं और अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं.
बच्चों को सिखाया जाता है प्रथम अक्षर
इस दिन छोटे बच्चों को विद्या देने का कार्य भी कई लोगों द्वारा शुरू किया जाता है और इस दिन कई लोग कई कलाओं को सीखना भी शुरू करते हैं. दरअसल ये दिन कला सिखने के लिए उत्तम माना जाता है . जिसके चलते इसी दिन ही इन कलाओं की शिक्षा लेने शुरू किया जाता है ताकि मां के आशीर्वाद की मदद से उस कला में कामयाबी मिल सके.
पीले रंग के कपड़े
इस पर्व में पीले रंग का काफी महत्व है और इस दिन लोग पीले रंग के वस्त्र भी पहनते हैं और इस रंग का खाना भी बनाते हैं. इसके साथ ही इस दिन स्कूल के बच्चे सरस्वती की वंदना भी करते हैं.
आखिर क्यों मनाया जाता है ये पर्व (Why We Celebrate Basant Panchami In Hindi)
कहा जाता है कि इस दिन ही ब्रह्मा ने जल को छिड़ककर मां को उत्पन्न किया था और मां को इस दुनिया के लोगों को ज्ञान और वाणी देने की बात कही थी. जिसके बाद मां ने अपनी वीण को बजाकर इस दुनिया में ज्ञान को बांटा था. मां के ज्ञान बांटने के चलते ही इन्हें कई लोग ज्ञान की देवी भी कहते हैं.