वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक बड़ा ऐलान करते हुए देश के कई सरकारी बैंकों को विलय यानी एक करने का ऐलान किया है और आने वाले समय में देश के कई सारे सरकारी बैंक एक होने जा रहे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस फैसले के बाद अब हमारे देश में कुल सरकारी बैंकों की संख्या 12 रहे गई है. दरअसल देश की इकोनॉमी को और दुरुस्त करने के लिए ये फैसला लिया गया है और देश के कई बड़े बैंकों को एक कर दिया गया है. वहीं कौन से बैंकों को एक कर दिया गया है इसकी जानकारी इस प्रकार है-
पंजाब नेशनल बैंक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऐलान के बाद पंजाब नेशनल बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक मर्ज
होकर एक हो गए हैं और ये तीनों बैंक अब पंजाब नेशनल बैंक के नाम से जाने जाएंगे. इन तीनों बैंकों के मिल जाने से पंजाब नेशनल बैंक देशा का दूसरा सबसे बड़ा सरकार बैंक बन गया है.
केनरा बैंक
केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक को भी एक कर दिया गया है और ये बैंक केनर बैंक के नाम से जाना जाए.
इलाहाबाद बैंक
इंडियन बैंक को इलाहाबाद बैंक में मिला दिया गया है और अब ये दोनों बैंक भी एक हो जाएंगे.
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में शामिल कर दिया गया है और ये तीनों बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नाम से जाने जाएंगे.
बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक को भी एक कर दिया गया है.
हो जाएगी 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी
इन बैंकों को एक करने के पीछे बैंकों देश की इकोनॉमी को और बढ़ाने का प्रयास है और इन बैंकों के मिल जाने से सरकार को उम्मीद है की देश की इकोनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी