मनोहर पर्रिकर का परिचय (Manohar Parrikar Biography In Hindi)
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर जी ने रविवार को अपने राज्य में अपने जीवन की अंतिम सांस ली है और इस दुनिया को अलविदा कर दिया है. मनोहर पर्रिकर के निधन से पूरे देश के लोग दुखी हैं. ये एक महान नेता होने साथ साथ एक नेक इंसान भी थे और यहीं खासियत इनको और राजनेताओं से अलग बनाती थी. मनोहर पर्रिकरक के निधन से गोवा राज्य की चमक भी एकदम फीका पड़ गई है और राज्य में इनके निधन का अफसोस मनाया जा रहा है. आज हम आपको मनोहर पर्रिकर जी के जीवन के बारे में कुछ ऐसी चीजे बताने जा रहे हैं जिनको पढ़ने के बाद आप भी इनकी तारीफ जरूर करेंगे.
सादगी के लिए जाने जाते थे
मनोहर पर्रिकर जी अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे और ये एक मुख्यमंत्री होने के बाद भी एक साधारण इंसान की तरह जीवन जीते थे. ये अपने ऑफिस अपने स्कूटर पर जाया करते थे और देर रात तक काम किया करते थे. जब भी ये कहीं जाते थे तो अपने साथ ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को लेकर नहीं जाते थे.
- अमेरिका से कैंसर का इलाज करवाने के बाद जब ये भारत आए तो इन्होंने अपने जिम्मेदारी को अपनी सेहत से पहले प्राथमिकता दी और बतौर गोवा के मुख्यमंत्री रहते हुए अपने कार्य के साथ कोई समझौता नहीं किया. बीमार होने के बावजूद भी ये अपने दफ्तर कार्य करने के लिए जाया करते थे. अपने जीवन के आखिरी दिनों में भी ये अपनी सेवाएं अपने राज्य के लोगों को दे रहे थे.
- मनोहर पर्रिकर अपने राज्य से काफी प्यार करते थे लेकिन जब इनको मोदी ने अपनी सरकार में रक्षा मंत्री बनाया तो इन्होंने अपनी जिम्मेदारी को निभाने से मना नहीं किया और अपने राज्य को छोड़ दिल्ली आ गए. दिल्ली आने के बाद इन्होंने देश के रक्षा मंत्री रहते हुए देश की सुरक्षा पर खासा ध्यान दिया और इनके रक्षा मंत्री रहते हुए ही भारत ने उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की थी.
- मनोहर पर्रिकर इतनी सादगी के साथ रहते थे कि ये अपने दफ्तर सादे कपड़े पहनकर ही जाया करते थे और किसी भी तरह की दिखावा करना पसंद नहीं करते थे. इनको जब भी देखा जाता था तो ये एक साधारण कमीज में ही नजर आते थे.
- अपने राज्य और देश की जिम्मेदारी को निभाने के साथ साथ उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारी को भी खूब अच्छे से निभा है और अपनी पत्नी के निधन के बाद अपने दोनों बच्चों की अच्छे से परवरिश की है.
- ये एक साफ छवि के नेता था और मनोहर पर्रिकर पर कभी भी अपने पद का गलत इस्तेमाल करना को कोई भी आरोप नहीं लगा है. इनको हमारे देश के साफ छवि वाले नेताओं में गिना जाता है.
- मनोहर पर्रिकर को उनके राज्य के लोग और विधायक इतना पसंद करते थे कि जब ये हमारे देश के रक्षा मंत्री थे और उस वक्त गोवा में हुए चुनाव में बीजेपी पार्टी जीती थी तो विधायकों ने इन्हें गोवा का सीएम बनाने की मांग की थी. जिसके बाद इन्हें गोवा भेज दिया था और यहां जाकर इन्हें सीएम बनाया गया था.