आयकर विभाग की टीम ने कुछ दिनों पहले ही एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर के घर में छापेमारी की है और ये छापेमारी में इस ऑटो रिक्शा ड्राइवर के 1.6 करोड़ रुपए के घर में की गई है. बताया जा रहा है कि ऑटो रिक्शा ड्राइवर का नाम नल्लूराली सुब्रमणि और ये बेंगलुरु में रहा करता है. अचानक से ही नल्लूराली सुब्रमणि एकदम से अमीर हो गया था और उसने बेंगलुरु में एक बड़ा घर में खरीद लिया था और इसने ये घर इस शहर की एक हाई फाई कलॉनी में लिया था. इस घर में नल्लूराली सुब्रमणि अपनी पत्नी के साथ रहे रहा था. जब आयकर विभाग को इसके बारे में जानकारी मिली तो अप्रैल के महीने में सुब्रमणि के घर छापेमारी की गई .
कहा से आए इतने पैसे
हर कोई इस बात से हैरान है किआखिर इस ऑटो रिक्शा ड्राइव के पास एकदम से इतने सारे पैसे कहां से आए हैं. जब आयकर विभगा ने पैसों के बारे में ऑटो रिक्शा ड्राइव से पूछा तो उसने आयकर विभाग को बताया कि उसको ये घर और पैसे एक विदेशी महिला ने उसे तोहफे के रुप में दिए हैं. ऑटो रिक्शा ड्राइव की ये बात आयकर विभाग वालों को हजम नहीं हुई और जब उन्होंने ऑटो रिक्शा ड्राइव से पूछा की आखिर क्यों किसी विदेशी महिला ने उसे ये घर और पैसे इनाम के तौर पर दिए हैं. तो इसपर ऑटो रिक्शा ड्राइव ने बताया कि उसने अमेरिका में रहने वाली एक विदेशी महिला की भारत में चार साल तक मदद की थी और जब वो वापस अपने देश गई तो उसने जाने से पहले उसे ये पैसे दिया थे और इन्हीं पैसों से उसने ये घर खरीदा है.

ऑटो रिक्शा ड्राइव के अनुसार जिस विदेश महिला ने उसे ये घर और पैसे दिए हैं उसका नाम लारा इविसन है और वो साल 2006 में भारत के बेंगलुरु शहर में आई थी और करीब चार साल तक यहां पर रही थी. इसी दौरान लारा इविसन को सुब्रमणि उसको घर लेने और छोड़ने का काम करता था. सुब्रमणि के अनुसार इसी दौरान लारा को जब पता चला की वो काफी गरीब है. तो लारा ने उसकी मदद की और मदद की तौर पर उसे घर और पैसे दिए. ताकि वो इन पैसों से अपने बच्चों की पढ़ाई करवा सके.
ऐसा कहा जा रहा है कि सुब्रमणि का नाता बीजेपी एमएलए अरविंद लिंबावाली के साथ काफी अच्छे हैं. लेकिन उन्होंने इस मामले से अपने आपको दूर रखा है. उनका कहा है कि इस मामले से उनका कुछ भी लेना देना नहीं है.
आपको बता दें कि जिस जगह पर सुब्रमणि ने घर लिया है वो इलाका वाइटफील्ड में है और इस जगह पर मौजूद घरों की कीमत करोड़ों में है. आयकर विभाग की और से सुब्रमणि के घर ये छापेमारी 16 अप्रैल की गई है और आयकर विभाग इस मामले में अभी अपनी जांच कर रहा है और ये पता लगाने में लगा हुआ है कि सुब्रमणि की बातों में कितनी सच्चाई है और क्या वाकई ही उसको ये घर और पैसे तोहफे के रूप में दिए गए हैं?