जानिए दीपावली 2018 का शुभ मुहूर्त (diwali shubh muhurat 2018)

क्यों, कैसे, कब मनाई जाती है दीपावली और 2018 का शुभ मुहूर्त  ( Diwali Festival 2018 Information, Celebrations, Importance)-

दीपावली 2018 का शुभ मुहूर्त (diwali shubh muhurat 2018)- दीपावली का त्योहार हर वर्ष हमारे देश में उत्साह और जोश के साथ हर किसी के द्वारा मनाया जाता है. ये त्योहार हर वर्ष या तो अक्टूबर के महीने या फिर नवंबर के महीने में आता है. इस त्योहार के अवसर पर हर कोई अपने घर को रोशन करता हैं और मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना करते हैं. इस त्योहार को हमारे देश के साथ साथ और भी देशों में मनाया जाता है.

दीपावली कब है 2018 में (diwali 2018 main kab hai)

साल 2018 में कब है दीपावली 7 नवंबर
किस दिन है दीपावली बुधवार के दिन
किसके द्वारा मनाया जाता है ये त्योहार हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों
लक्ष्मी पूजा करने का शुभ मुहूर्ता 17:57 लेकर 19:53 (5.57 से लेकर 7:53 तक)
प्रदोष काल 17:30 से 20:11 (5:30 से लेकर 8:11 तक)
वृषभ काल 17:57 लेकर 19:53 (5.57 से लेकर 7:53 तक)

 

दीपावली कब है 2019 में (Diwali 2019 Mein Kab Hai)

साल 2019 में कब है दीपावली 27 अक्टूबर
किस दिन है दीपावली रविवार के दिन
लक्ष्मी पूजा करने का शुभ मुहूर्ता अभी जानकारी नहीं
प्रदोष काल अभी जानकारी नहीं
वृषभ काल अभी जानकारी नहीं

 

साल 2018 की दीपावली का शुभ मुहूर्त (diwali shubh muhurat 2018)

इस दिन मां लक्ष्मी जी की आराधना की जाती है और मां से अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना लोग करते हैं. इस दिन लोग अपने घरों की साफ सफाई करते हैं और दीए और लाइटों से घर को सजाते हैं. इस दिन सिर्फ शुभ मुहूर्त पर ही भगवान का पूजन किया जाता है. इस वर्ष ये त्योहार 7 नवंबर के दिन आ रहा है और इस दिन पूजा करने का सबसे उत्तम टाइम शाम 5.57 से शुरू होगा जो कि शाम के 7:53 तक रहने वाला है.

दीपावली क्यों मनाते है (Reasons To Celebrate Diwali) –

ये त्योहार कार्तिक अमावस्या के दिन आता है और इसे हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है. हर धर्म का इस त्योहार के संग खास नाता जुड़ा हुआ है और इसको मनाने के पीछे कई सारी कथाएं हैं.

लक्ष्मी मां का जन्मदिन- कहा जाता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन लक्ष्मी मां का जन्म हुआ था और साथ मे ही इसी दिन मां का विवाह भगवान विष्णु से हुआ था. जिसके चलते इस दिन मां की शादी की खुशी घरों को रोशन करके मनाई गई थी और आज भी इस दिन लोगों इस चीज का जश्न मनाते  हैं.

जैन धर्म से जुड़ी कथा – आधुनिक जैन धर्म के संस्थापक ने दिवापली के दिन ही निर्वाण हासिल किया था, जिसके चलते हर वर्ष जैन धर्म के लोग इस दिन को उत्साह से मनाते हैं.

diwali 2018

सिक्खों से जुड़ी कथा – साल 1577 में इस दिन ही अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गई थी, इसके अलावा इस दिन को ही इस धर्म के गुरु अमर दास ने रेड-लेटर डे के रूप में घोषित किया था.

 पांडवों का वनवास हुआ था खत्म – महाभारत के मुताबिक जिस दिन पांडवों का वनवास खत्म हुआ था, उस दिन कार्तिक अमावस्या थी और इनका वनवास पूरा होने का जश्न लोगों ने अपने घरों को रोशन करके मनाया था.

किया गया था विक्रमादित्य का अभिषेक – भारत के प्रसिद्ध राजकुमार विक्रमादित्य का अभिषेक कार्तिक अमावस्या के दिन किया गया था और इस दिन को जश्न विक्रमादित्य के राज्य में दीए जलाकर मनाया गया था.

कृष्ण जी ने किया था नरकासुर का वध- मान्यताओं के मुताबिक इस दिन ही श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का मारा था और इस दिन का जश्न धूमधाम से मनाया गया था.

राम भगवान की घर वापसी की खुशी में  – इस दिन भगवान राम जी ने सीता और लक्ष्मण सहित अपना वनवास खत्म किया था और अयोध्या में वापसी की थी. इनके वापसी का जश्न इनके राज्यों के निवासियों द्वारा दीपकों को जलाकर मनाया गया था.

दीपावली का महत्व (Significance of Diwali)

  • ये पर्व बुरी चीजों पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पटाखे जलाना से धरती पर रहने वाले लोग अपनी खुशी को जाहिर करते हैं.

 

  • इसके अलावा इस दिन मां की पूजा करना जरूरी होता है और ऐसा माना जाता है कि अगर सच्चे मन से इस दिन मां को याद किया जाए तो , मां का आर्शीवाद आप पर बना रहता है.

 

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