दो किसानों की प्रेरणादायक कहानी: कर्म पर विश्वास करें ना की फल पर (Motivational Stories In Hindi)

Motivational Stories In Hindi : एक गांव में दो किसान रहा करते थे और ये दोनों किसान आपस में काफी अच्छे दोस्त हुआ करते थे. इन दोनों किसानों में से एक किसान का नाम रवि था और दूसरे किसान का नाम किशन हुआ करता था. ये दोनों अपने परिवार का पेट खेती करके ही पाला करते थे. इन दोनों दोस्तों में से रवि काफी मेहनती हुआ करता था. जबकि किशन ज्यादा मेहनत करने पर विश्वास नहीं रखता था.

किसान की कहानी
किसान की कहानी

रवि अपने गांव में रहने वाले एक बूढ़े किसान की काफी मदद किया करता था और इस बूढ़े किसान के खेत को भी बिना उससे पैसे लिए बीज देता था. एक दिन किशन ने रवि से पूछता है कि तुम क्यों बिना पैसे लिए बूढ़े किसान की मदद किया करते हों? क्यों तुम खेत मुफ्त में बीज देते हों? किशन के इस सवाल पर रवि ने कहा कि ये काफी बुजुर्ग हैं और ये खुद से अपने खेतों को बीज नहीं सकता है और ना ही इनके पास इतने पैसे नहीं है कि ये किसी को पैसे देकर अपने खेतों में फसल बीजवा सकें. अगर मैं इन लोगों के खेतों को नहीं बीजता हूं तो ये भूखे मर जाएंगे और इनको खाने के लिए कुछ भी नहीं मिल सकेगा.

एक साथ करते थे खेती

रवि और किशन के खेत एक साथ ही थे और ये दोनों एक साथ मिलकर ही अपने-अपने खेतों में खेती किया करते थे. जबकि रवि जिस बूढ़े किसान का खेत बीजता था वो इनके खेते से काफी दूरी पर हुआ करता था.

एक बार रवि और किशन के गांव में बाढ़ आ गई और इस बाढ़ में रवि और किशन के खेत पूरी तरह से तबाह हो गए जिसके चलते इन दोनों की सारी मेहनत बेकार चले गई और इनके खेतों में लगी सारी गेहूं बर्बाद हो गई. साथ में ही इनके घरों में रखे गेहूं के दाने भी खत्म होने वाले थे. खेतों में लगी गेहूं को बर्बाद होता देख ये दोनों दुखी हो गए और इस सोच में पड़ गए की अब वो खाने के लिए अनाज कहां से लगाएं. इनके द्वारा बीजा गया तो सारा अनाज अब बर्बाद हो चुका है.

धीरे-धीरे रवि और किशन के घर में रखा गया सारा अनाज खत्म हो गया और इनको रोज भूखे पेट सोना पड़ता था. एक दिन जिस बूढ़े किसान के खेत में रवि गेंहूं को बीजता था उसको रवि की हालत के बारे में पता चला और इस बूढ़े किसान ने बिना कोई देरी किए रवि को अपने घर बुलाया. रवि अपने दोस्ते के साथ बूढ़े किसान के घर गया. इस बूढ़े किसान ने रवि से पूछा कि आज कल क्या चल रहा है, रवि ने कहा सब सही चल रहा है. आप बताओं की आपकी तबीयत कैसी है. इस बूढ़े इंसान ने कहा मै ठीक हूं लेकिन मेरे को पता चला है कि तुम्हारी इस साल की फसल तबाह हो गई है और तुम्हारे पास खाने के लिए जरा सा भी अनाज नहीं बचा है? बूढ़े किसान की बात सुनने के बाद रवि ने कहा कि हां मेरी सारी फसल बर्बाद हो गई है और मेरे घर में खाने के लिए एक दाना भी अनाज का नहीं बचा है.

रवि की बात सुनकर बूढ़े किसान ने कहा कि तुम मेरे उस वाले कमरे में जाओ और वहां पर रखे अनाज को तुम ले जाओ रवि ने बूढ़े किसान से कहा कि अगर वो उनके अनाज को ले जाएगा तो वो क्या खाएं? तब इस बूढ़े इंसान ने कहा कि तुम पहले उस कमरे में जाकर देख तो लो की वहां पर कितना अनाज रखा है. रवि अपने दोस्त के साथ उस कमरे में गया और जैसे ही रवि और किशन ने उस कमरे को खोला तो पाया कि उस कमरे में बहुत सारा अनाज रखा हुआ है. इतना सारा अनाज देखकर किशन ने रवि से कहा कि इतने सारे अनाज से तो हम लोग तीन साल तक बिना कोई मेहनत किए खाना खा सकते हैं. रवि ने बूढ़े किसान के पास जाकर उससे पूछा की आप के पास इतनी सारी गेहूं कहां से आई. इस बूढ़े किसान ने कहा कि ये तुम्हारी ही मेहनत है जो तुम मेरी खेत में गेहूं को बीजते थे, उससे काफी फसल होती थी और ये दानें उसी फसल के हैं. इसलिए तुम जितना चाहते हो यहां से अनाज ले जाओ. बूढ़े किसान की ये बात सुन रवि और किशन खुश हो गए और वो अपने घर इन दानों को लेकर चले गए.

कहानी से मिली शिक्षा

रवि के द्वारा किए गए कर्म की वजह से ही उसको ये फल मिल सका और अपने साथ साथ वो अपने दोस्त की भी मदद कर सका. दोस्तों हमें इस कहानी से ये शिक्षा मिलती है कि आप अपने जीवन में केवल अच्छे कर्म करने में विश्नास रखें ना की फल पाने में. क्योंकि आपको अच्छे कर्मों का फल एक दिन भगवान जरूर देते हैं.

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