रक्षा बंधन 2019 कब है (Raksha Bandhan Date, Raksha Bandhan In Hindi)
भारत देश पर्व का देश है और हर साल हमारे देश में कई तरह के पर्व मनाए जाते हैं. इन्हीं पर्वों में से भाई और बहन का पर्व यानी रक्षा बंधन का त्योहार भी मनाया जाता है. रक्षा बंधन के दिन हर बहन अपने भाई के कलाई पर उसकी रक्षा हेतु लाल रंग का धागा यानी राखी बांधती है और भगवान से अपने भाई की सलामति की दुआ करती है. वही भाई बहन को उसकी रक्षा करने का वादा करता है. इस साल यानी रक्षा बंधन 2019 अगस्त के महीने में आ रहा है. रक्षा बंधन 2019 के पर्व को धूम धाम से मनाया जाता है और बाजारों में रक्षा बंधन को लेकर रौनक देखने को मिल रही है और हर दुकान पर राखी बेची जा रही है. इस साल रक्षा बंधन 2019 का शुभ मुर्हूत कब शुरू है और कब तक है इसकी जानकारी इस प्रकार है.
रक्षा बंधन 2019 का शुभ मुहूर्त (raksha bandhan 2019 date)
रक्षा बंधन 2019 की तिथि (raksha bandhan 2019 date) | 15 अगस्त 2019 |
रक्षा बंधन 2019 का शुभ मुहूर्त
|
अनुष्ठान का समय- सुबह 5 बजकर 53 मिनट से शाम 5 बजकर 58 मिनट
अपराह्न मुहूर्त- दिन में 1 बजकर 43 मिनट से शाम 4 बजकर 20 मिनट तक
|
पूर्णिमा तिथि आरंभ | 14 अगस्त 2019, दिन में 3 बजकर 45, |
पूर्णिमा तिथि समाप्त | 15 अगस्त 2019, शाम 5 बजकर 58 तक |
रक्षा बंधन 2019

इस बार रक्षा बंधन पर कई शुभ मुर्हूत बन रहे हैं और इस बार इस पर्व के दिन पंचांग के पांच अंगों की श्रेष्ठ स्थिति बनेगी. रक्षा बंधन 2019 (raksha bandhan in hindi) इस बार इस बार गुरुवार के दिन आ रहा है. इस बार रक्षा बंधन के दिन भद्रा दोष भी नहीं है.
इस तरह से मनाए रक्षा बंधन
रक्षा बंधन के त्योहार के दिन आप शुभ उठाकर सबसे पहले घर को अच्छे से साफ कर लें. उसके बाद स्नना करके पूजा घर की सफाई करें और राखी की थाली तैयार कर लें. राखी की थाली में आप चावल, तिलक, मिठाई, रुमाल रख लें.
राखी का शुभ मुर्हूत शुरू होते ही आप थाली में देसी घी का एक दीपक जाल दें. फिर अपने भाई का सिर सबसे पहले रुमाल से ढक दें. फिर आप भाई को तिलक और चावल लगाएं. इसके बाद आप भाई की कलाई पर राखी बांध दें और भाई की मिठाई खिला दें और उसकी आरती करें.
आखिर क्यों बांधी जाती है राखी (Raksha Bandhan History)
रक्षा बंधन के दिन राखी बांधने के पीछे एक कहानी जुड़ी हुई है और ऐसा कहा जाता है कि असुरों से युद्ध करते समय देवराज इंद्र के हाथों में एक रक्षासूत्र बांधा गया था. इस रक्षासूत्र की मदद से देवराज इंद्र असुरों को इस युद्ध में पराजय कर पाए थे और उनकी रक्षा असुरों से हुई थी. तभी से रक्षा बंधने के दिन रक्षासूत्र यानी राखी बांधने का रिवाज शुरू हो गया।
ऐसा कहा जाता है कि जब बहन अपने भाई के हाथों में रक्षासूत्र यानी राखी को बांधती है तो भाई की रक्षा कई तरह की परेशानियों से होती है. इस त्योहार को जोश के साथ हमारे देश में मनाया जाता है. इसलिए आप भी अपने भाई को राखी जरूरी बांधने. अगर भाई आप से दूर रहता है तो उसे राखी भेज दें.
