शीला दीक्षित की जीवनी (Sheila Dixit Biography In Hindi)

शीला दीक्षित की जीवनी (Sheila Dixit Biography In Hindi)

Sheila Dixit Biography: शीला दीक्षित दिल्ली राज्य की राजनीति में काफी सक्रिय थी। साल 2019 में इन्होंने अपने जीवन की आखिरी सांस ली थी। शीला दीक्षित के निधन पर हर राजनेता ने शौक प्रकट किया था। शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री के तौर पर बेहद ही प्रसिद्ध हुआ करती थी और इन्हें कांग्रेस पार्टी द्वारा कई बार दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष भी चुना गया था। आखिर शीला दीक्षित ने किस तरह से राजनेती में कदम रखा और क्यों ये प्रसिद्ध सीएम के तौर पर जानी जाती थी, इन सब की जानकारी हम आपको शीला दीक्षित की जीवनी की मदद से देने वाले हैं।

शीला दीक्षित का परिचय (Sheila Dixit  Introduction)

पूरा नाम (Full Name)   शीला दीक्षित
जन्म तिथि (Birth Date) 31-03-1938
मृत्यु स्थान (Death Place) दिल्ली
किस आयु में हुई मृत्यु  81
पेशा (Professions) राजनेता, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री
राष्ट्रीयता (Nationality) भारतीय
धर्म (Religion) हिंदू
पिता का नाम (Father’s Name) जानकारी नहीं
माता का नाम (Mother’s Name) जानकारी नहीं
पति का नाम विनोद दीक्षित
स्कूल (School) कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल, नई दिल्ली
कॉलेज / यूनिवर्सिटी (College / university) दिल्ली विश्वविद्यालय, मिरांडा हाउस कॉलेज
शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification) मास्टर डिग्री और दिल्ली विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी

 

शीला दीक्षित का व्यक्तिगत जीवन (Personal life) –

  • 80 वर्षीय की शीला दीक्षित का जन्म पंजाब राज्य में सन् 1938 में हुआ था और ये एक पंजाबी परिवार में जन्मी थी.
  • शीला ने विनोद दीक्षित जो कि पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल उमा शंकर दीक्षित के बेटे थे उनसे शादी की थी.
  • शीला जी के दो बच्चे हैं जिनमें से एक बेटी और एक बेटा है. इनके बेटे संदीप दीक्षित भी राजनीति से जुड़े हुए हैं और ये एक एमपी हैं.

शीला दीक्षित का करियर (Sheila Dixit Career)

अपनी बढ़ाई पूरी करने के बाद शीला 1970 में युवा महिला संघ की अध्यक्ष बनी थी और इस पद पर इन्होंने कुछ समय तक कार्य किया था. वहीं शीला के ससुर राजनीति से जुड़े हुए थे और वो इंदिरा गांधी सरकार में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री थे. शीला अपने ससुर की उनके कार्य में काफी मदद करती थी. इस दौरान ही शीला को महिलाओं की स्थिति के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र आयोग का भारतीय प्रतिनिधि बनने का मौका मिला और इस तरह से इन्होंने राजनीति की और अपना पहला कदम बढ़ाया.

साल 1998 में बनीं मुख्यमंत्री (Sheila Dixit CM)

  • शीला जी ने लंबे समय तक दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभाला हुआ है और ये साल 1998 में प्रथम बार इस राज्य की मुख्यमंत्री बनी थी. वर्ष 2013 तक इन्होंने इस पद पर अपनी सेवाएं दी थी.
  • मुख्यमंत्री रहने से पहले शीला केंद्रीय मंत्री भी रही थी और इन्होंने दो मंत्रालयों के संभाला हुआ हैं. वहीं साल 2013 में दिल्ली के चुनाव हारने के बाद इन्होंने साल 2014 में केरल राज्य का राज्यपाल बनाया गया था. हालांकि ये इस पद केवल पांच महीने तक ही रही थी.

शीला दीक्षित से जुड़े विवाद (Controversies)

दिल्ली की मुख्यमंत्री रहते समय इन्हें काफी विवादों का सामना करना पड़ा है और इनका नाम राष्ट्रमंडल खेल के दौरान हुए भ्रष्टाचार से जुड़ा था. इसके अलावा इनपर साल 2009 में व्यक्तिगत विज्ञापनों के लिए राजीव रतन आवास योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत धन का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगा था.

साल 2009 में  दीक्षित को उस वक्त भी आलोचना का सामान करना पड़ा था जब उन्होंने मनु शर्मा को पैरोल दी थी, जिसे जेसिका लाल की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा दी गई थी.

फिर से की दिल्ली की राजनीति में वापसी (Politics)

दिल्ली की सत्ता हारने के बाद कांग्रेस पार्टी द्वारा इन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था.लेकिन अब एक बार फिर साल 2019 में इनको दिल्ली की कमान इस पार्टी द्वारा दी गई है और इनपर इस राज्य में होने वाले चुनावों को जिताने की जिम्मेदारी है.

शीला दीक्षित को मिले अवार्ड (Award)

संख्या अवार्ड का नाम
1 2008 में जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री
2 एनडीटीवी द्वारा 2009 में राजनेता ऑफ द ईयर पुरस्कार
3 2013 में दिल्ली वीमेन ऑफ़ द डिकेड अचीवर्स अवार्ड्स

 

शीला दीक्षित की मृत्यु कब हुई (Sheila Dixit death)

शीला दीक्षित ने अपने जीवन की अंतिम सांस 81 वर्ष की आयु में ली है. शीला दीक्षित लंबे समय से बीमार चल रही थी और इनका इलाज स्कॉर्ट हॉस्पिटल में चल रहा था. शीला दीक्षित के निधन पर हर नेता ने अपना शौक प्रकट किया है. शीला दीक्षित के निधन के साथ ही हमारे देश ने एक महान नेता खो दिया है. शीला दीक्षित दिल्ली राज्य की सबसे प्रसिद्ध मुख्यमंत्री रही हैं

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