उत्पन्ना एकादशी व्रत करने से मिलता है मोक्ष, जानिए इस व्रत का समय, तारीख और नियम (Utpanna Ekadashi Poojan Vidhi Aartiya Poojan Vidhi, images, wishes)
- तीन तारीख को आ रहा है उत्पन्ना एकादशी व्रत
- उत्पन्ना एकादशी व्रत से पूरी होती है मन की कामना
- इस व्रत को करने से मिलता है मोक्ष
उत्पन्ना एकादशी का व्रत हर साल आता है और इस व्रत को हमारे धर्म में काफी अहम माना गया है. ऐसी माना जाता है कि इस व्रत को रखने से कई तरह की समस्या ठीक हो जाती हैं, किस भी तरह का रोग भी नहीं होता है और संतान की प्राप्त होती है. कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन आने वाला ये व्रत इस वर्ष 03 दिसंबर को आ रहा है और ये व्रत हर साल नंवबर या दिसंबर महीने में ही आता है.
उत्पन्ना एकादशी व्रत कब है-
एकादशी व्रत की तिथि | 3 दिसंबर, 2018 |
एकादशी तिथि का प्रारंभ | 14:00 बजे, 2 दिसंबर 2018 |
एकादशी तिथि का समापन | 3 दिसंबर 2018, 12:59 बजे |
उत्पन्ना एकादशी के व्रत को हर कोई रखता है और ये व्रत दो तरह से रखा जा सकता है. जो कि निर्जल और फलाहारी होता है.
इस व्रत को रखने के नियम क्या है ?
जो लोग निर्जल व्रत नहीं रख सकते हैं वो लोग फलाहारी व्रत रख लें और अगर आप फलाहरी व्रत रखते हैं तो आप केवल फल का ही सेवन करें. वहीं उत्पन्ना एकादशी व्रत में दशमी की रात के समय खाना नहीं खाया जाता है और एकादशी की सुबह श्री कृष्ण जी का पूजन किया जाता है.
कब खाना खाए
- इस साल दशमी 2 दिसंबर को आ रही है और आप इस दिन शाम को भोजन कर लें और रात के समय कुछ ना खाएं.
- जो लोग उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखते हैं, वो इस व्रत के दौरान पानी और फल का ही सेवन करें. याद रहे है कि इस व्रत के दौरान चावल का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
व्रत की विधि
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इस व्रत के दिन आप सुबह नहाने के बाद 4 बजे व्रत का संकल्प ले लें. स्नान करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण या फिर विष्णु जी का पूजन अच्छे से कर लें और पूजन के दौरान धूप और दीयों को जरुर जलाएं.
रात के समय आप भजन कीर्तन भी कर सकते हैं और सुबह होने पर भगवान का फिर से पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को खाना खाल दें. ब्राह्मणों को खाना देने के बाद खुद भी खाना खा लें.
इस व्रत के दौरान क्या नहीं करना चाहिए
जो लोग ये व्रत रखते हैं उनको अपना मन शांत करना चाहिए और सच्चे मन से भगवान की आराध्ना करनी चाहिए. साथ ही ये याद रहे कि जिन लोगों ने ये व्रत रखा है वो ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद ही खाना खाएं.
इस व्रत को रखने वाले लोगों को इस दिन कांसे के बर्तन में खाना ना खाएं और वो अन्य धातु से बनें बर्तनों में ही खाना खाएं.
याद रहे कि इस व्रत को सही से करने से भगवान आपके जीवन के हर दुख को दूर कर देता है. इसलिए आप ये व्रत सच्चे मन से ही करें और जन लोगों को बच्चा नहीं है वो पति और पत्नी के साथ इस व्रत को करें