‘सियोल शांति पुरस्कार’ से सम्मानित हुए पीएम मोदी, पुरस्कार के साथ मिली इतनी बड़ी राशि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज “सियोल शांति पुरस्कार” (Seoul Peace Prize) से सम्मानित किया गया है और वो इस पुरस्कार को पाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. ये पुरस्कार मोदी जी को दक्षिण कोरिया देश की और से दिया गया है और इस पुरस्कार के साथ मोदी जी को काफी बड़ी राशि भी इनाम के तौर पर मिली है. मोदी जी द्वारा जिस तरह से भारतीय, वैश्विक अर्थव्यवस्था,आर्थिक नीतियां, योजनाओं के लिए कार्य किया गया है. उसको देखते हुए इन्हें ये पुरस्कार दिया गया है. ये पुरस्कार देने वाली कमेटी ने हमारे देश के पीएम को ‘द परफेक्ट कैंडिडेट फॉर द 2018 सियोल पीस प्राइज’ कहा है.

किसी को दिया जाता है ये पुरस्कार

आप सोच रहें होंगे की आखिर ये पुरस्कार कौन देता है और किस व्यक्ति को ये पुरस्कार दिया जाता है. दरअसल इस पुरस्कार को साल 1990 से साउथ कोरिया देश ने देना शुरू किया है और ये पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने विश्न में शांति, एकजुटता और समाज के लिए कुछ योगदान किया हो. इस पुरस्कार के लिए फिल्म, खेल, राजनीति, विज्ञान, शिक्षा और इत्यादि क्षेत्रों से नाता रखने वाले लोगों चुना जाता है और जिसका योगदान सबसे अधिक होता है उसे ये पुरस्कार दिया जाता है. ये दुनिया का सबसे प्रसिद्ध पुरस्कार है.

मोदी क्यों दिया गया “सियोल शांति पुरस्कार”

साल  2018 के इस पुरस्कार के लिए दुनिया भर से कुल 1000 से अधिक लोगों के नाम सामने आए थे और इन लोगों में से महज 150 लोगों को चयनित किया गया था. फिर इन 150 लोगों में से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सियोल पुरस्कार समिति द्वारा ये पुरस्कार देने के लिए चुना गया था. जिसके साथ ही हमारे देश के पीएम ये पुरस्कार हासिल करने वाले 14वें व्यक्ति बन चुके हैं और मोदी से पहले 13 ही लोगोंं को अभी तक ये पुरस्कार दिया गया है.

seoul peace award

जिन 13 व्यक्तियों को मोदी से पहले ये पुरस्कार मिला है वो सभी काफी प्रसिद्ध और शक्तिशाली हैं. मोदी से पहले इस पुरस्कार से कोफी अन्नान जो कि संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव हैं उनको सम्मनाति किया गया था. वहीं जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल,डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और ऑक्सफैम जैसे प्रसिद्ध संगठन को भी ये पुरस्कार दिया गया है.

कैसे हुई “सियोल शांति पुरस्कार” की शुरुआत

वर्ष 1988 में साउथ कोरिया देश में 24 वे ओलंपिक का आयोयन किया गया था और इस ओलपिंक में दुनिया भर से करीब 160 देशों ने हिस्सा लिया था. जिसमें दुनिया भर के लोग आए थे और दुनिया में एकजुटता देखने को मिली थी. इसी एकजुटता और दोस्ती को देखते हुए वर्ष 1990 में इस देश इस की शुरुआत की थी.

मिली बड़ी इनाम राशि

इस पुरस्कार के साथ ही करीब 200,000 अमेरिकी डॉलर की राशि भी इनाम के तौर पर दी जाती है और मोदी जी को भी ये राशि दी गई है जो कि 1 करोड़ 42 लाख के करीब की है. वहीं इस राशि को मोदी जी ने नमामि गंगे परियोजना के लिए दान कर दिया है. इस पुरस्कार की राशि को दान करने से पहले मोदी ने हाल ही में उनको मिले उपहारों को नीलाम करके जो राशि मिली थी उसको भी इस परियोजना के लिए दान कर दिया था.

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