हरतालिका पूजा सामग्री, व्रत व पूजन विधि (Hartalika puja Samagri in marathi)

Hartalika puja Samagri : हरतालिका तीज व्रत (Hartalika puja) भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन किया जाता है और हरतालिका तीज व्रत कथा पढ़ी जाती है। ये व्रत सुहागन महिलाओं द्वारा रखा जाता है। ऐसे में जो महिलाएं पहली बार हरतालिका तीज व्रत रखने जा रही हैं, उन्हें इस व्रत की पूजा सामग्री क्या होती है व पूजन विधि के बारे में कम जानकारी होती है। आज इस लेख में हम आपको हरतालिका पूजा सामग्री (Hartalika puja Samagri in marathi)) और विधि बताने जा रहे हैं।

कहां रखा जाता ये व्रत

हरतालिका तीज व्रत सबसे अधिक महाराष्ट्र में बनाया जाता है और ये इस राज्य के विशेष पर्वों में से एक है। मराठा संस्कृति से ये व्रत जुड़ा हुआ है। हालांकि उत्तर भारत के भी कई हिस्सों में हरतालिका तीज व्रत मनाया जाता है।

आइए सबसे पहले जानते हैं हरतालिका पूजा सामग्री (Hartalika puja Samagri in marathi) के बारे में।

हरतालिका तीज व्रत सामग्री (Hartalika puja Samagri in marathi)

  • हरतालिका तीज व्रत के दिन आपको गीली काली मिट्टी या बालू रेत की जरूरत पड़ती है। इससे शिव जी और पार्वती मां की मूर्ति बनाई जाती है।
  • फल एवं फूल,
  • शिव जी को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र,
  • मां पार्वती और शिव जी के लिए वस्त्र,
  • लकड़ी की चौकी और उसपर रखने के लिए लाल या पीले रंग का कपड़ा,
  • पानी से भरा कलश और श्रीफल,
  • चंदन, घी, कपूर, कुमकुम, दीपक।
  • मेंहदी, काजल, माता के लिए चुनरी, सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी और पंचामृत।

हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि (hartalika puja vidhi)

-इस व्रत की पूजन  प्रदोषकाल यानी शाम के समय किया जाता है। इसलिए आप हरतालिका तीज व्रत पूजा शाम 5 बजे के बाद और 7 बजे से पहले करें।

-पूजन करने के लिए सबसे पहले मिट्टी से आपको भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा का निर्माण करना होगा।

-चौकी पर फिर कपड़ा बिछाकर इस मूर्ति को वहां स्थापित कर दें।

-अब चौकी पर केले के पत्ते रखकर उस पर भगवान शंकर, माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा को रख दें।

-सबसे प्रथम सभी देवी देवताओं का आह्वान करें और उनसे प्रार्थन करें की वो आपकी पूजा को स्वीकार कर लें। फिर व्रत रखने का संकल्प धारण करें। इस हेतु हाथों में जल ग्रहण करें और मन में ये संकल्प लें। संकल्प लेने के बाद इस जल को जमीन पर छोड़ दें।

-अब आप  भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश को वस्त्र अर्पित करें। सुहाग का सामाना माता पार्वती को चढ़ाएं और पूजा शुरू करें।

-सुहाग सामग्री को सास को दें और अगले दिन इसे किसी को दान कर दें। याद रहे कि इस दिन  हरतालिका तीज व्रत कथा सुनें जरूर सुनें ।

हरतालिका तीज व्रत के नियम (hartalika vrat niyam)

हरतालिका तीज व्रत से कुछ नियम (hartalika vrat niyam) भी जुड़े हुए हैं जो कि इस प्रकार हैं

1.ये व्रत करते समय अन्न और जल ग्रहण नहीं किया जाता। ये व्रत अगले दिन ही खुलता है।

2.एक बार ये व्रत रखने का संकल्प लेने के बाद इसे पूरा जरूर करें और बीच में इसे न तोड़े।

3.इस दिन व्रत रखने वाली स्त्री को राज भर का पूजन करना चाहिए।

4.ये व्रत कुंवारी कन्या भी रख सकती हैं। ऐसा करने से उन्हें अच्छे वर की प्राप्ति होती है।

तो ये थी हरतालिका पूजा सामग्री (Hartalika puja Samagri in marathi), विधि (hartalika puja vidhi) और व्रत के नियम (hartalika vrat niyam) के बारे में जानकारी।

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