Max Hospital crore bill Corona patient: कोरोना वायरस का इलाज करवाने के लिए एक व्यक्ति को करोड़ों रुपए चुकाने पड़े। कोरोना वायरस से ग्रस्त होने के बाद इस व्यक्ति को दक्षिण दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल (Max Hospital) ने भर्ती किया गया था। जहां पर 75 दिनों का इसका इलाज चला। वहीं इलाज के बाद जब व्यक्ति को बिल थमाया गया। उसे देखकर वो हैरान हो गया। उसने कल्पना भी नहीं की थी उसे कोरोना के इलाज के लिए 1 करोड़ 80 लाख रुपये चुकाने पड़ेंगे।
जानकारी के अनुसार मरीज को 28 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया और वो गंभीर रुप से बीमारा था। ये मरीज कोरोना की तीसरी लहर के दौरान बीमार हुई था। अस्पताल में उसका इलाज 75 दिनों तक चला। वहीं छह सितंबर को डॉक्टरों ने उससे कहा कि वो पूरी तरह से सही हो गया है और उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई है। ये बात सुनकर वो खुश हो गया। हालांकि जब उसे बिल थमाया गया तो वो दंग रहे गया।

आम आदमी पार्टी (आप) विधायक सोमनाथ भारती ने ट्वीट कर इस मामले को सामने लाया और अस्पताल के खिलाफ जांच की मांग की। विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि उनके पास कुछ दिन पहले एक महिला आई थी। जिनके पति कोरोना संक्रमित हो गए थे। 28 अप्रैल को साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती किया गया। महिला ने जब एक करोड़ 80 लाख रुपये का बिल उन्हें दिखाया तो वे दंग रह गए। इस बारे में उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से बात भी की। तो पता चला कि अस्पताल ने मरीज को कई दिन तक एक्मो थैरेपी दी थी।
Whats the maximum you have heard a hospital charging for curing Corona?? 25 lacs? 50 lacs?..no it's whopping 1.8 cr! .@MaxHealthcare Saket charged this unbelievable amount to a wife for her husband n then shouted at her when she took my help to ask for a discount. Heartless!..1/2
— Adv. Somnath Bharti: इंसानियत से बड़ा कुछ नहीं! (@attorneybharti) September 6, 2021
विधायक भारती ने ट्वीट कर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ विरोध जताया है और जांच की मांग की है। विधायक ने कहा कि सरकार को तत्काल मरीज के बिल का आडिट कराना चाहिए।
मैक्स अस्पताल ने रखा अपना पक्ष
इस पूरे मामले में मैक्स अस्पताल ने अपना पक्ष रखा है और एक बयान जारी किया है। अस्पताल की ओर से अपना पक्ष रखते हुए कहा गया है कि मरीज 75 दिन तक एक्मो सपोर्ट पर रहा। हमने पहले ही मरीज के परिजनों को ये बता दिया था कि कितना खर्च आने वाला है। अस्पताल के अनुसार 51 वर्षीय मरीज गंभीर रुप से बीमार थे। उसे आपातकालीन वार्ड में रखा गया था। उसे 75 दिनों तक एक्मो थैरेपी दी गई। वो मधुमेह, रक्तचाप सहित कई बीमारियाों से ग्रस्त था। 23 जुलाई को एक्मो हटाने के बाद भी मरीज 16 अगस्त तक आइसीयू में रखा गया।
गौरतलब है कि दिल्ली में जब तीसरी लहर आई थी। उस समय अस्पतालों में बेड खाली नहीं थे। ऐसे में इस मरीज को किसी को मैक्स अस्पताल में बेड मिल गया। जहां पर उसका इलाज चला। वहीं इलाज के बाद उससे मोटा बिल थमा दिया गया।
ये भी पढ़ें- कोरोना वैक्सीन लगाने से बीमार पड़े 50 से ज्यादा लोग, AIIMS डायरेक्टर ने साइड इफेक्ट पर कही ये बात
ये भी पढ़ें-कोरोना वैक्सीन लगाने से अगर कुछ होता है बुरा, तो दिया जाएगा आपको अच्छा खास मुआवजा