करवा चौथ आज है या कल (karwa chauth vrat)

करवा चौथ आज है या कल (Karva Chauth 2022 Aaj Ke Kal Ki): हिंदू धर्म में करवा चौथ का काफी महत्व माना जाता है. ये व्रत पति की लंबी आयु और खुशहाल जीवन से जुड़ा होता है. करवा चौथ (karwa chauth vrat) के दिन पत्नी अपने पति के लिए व्रत रख उसकी अच्छी आयु की प्रार्थना भगवान से करती हैं. साल 2002 में कब चौथ व्रत कब का है (karva chauth kab ki hai 2022) ये हम आपको बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं कि karva chauth kab ki hai

अक्टूबर में करवा चौथ कब है (karva chauth kab ki hai) –

इस साल करवा का व्रत अक्टूबर में आ रहा है. पंचाग के अनुसार ये व्रत 13 अक्टूबर को है. हालांकि इसकी तारीख को लेकर लोगों को अक्सर दुविधा होती है कि ये व्रत असल में किन दिन है.करवा चौथ आज है या कल (Karva Chauth 2022 Aaj Ke Kal Ki)

पंचाग के मुताबिक ये व्रत 13 अक्टूबर को होगा ना की 14 अक्टूबर को इसलिए जो भी महिलाएं ये व्रत रखना चाहती हैं, तो 13 को रखें. 13 सुबह 4 बजे उठकर सरगी खा लें. उसका बाद किसी भी चीज का सेवन न करें. रात को चांद देखने के बाद ही इस व्रत को खोलें. हो सके तो पति के हाथ से ही पानी पीएं.

मान्यता है कि जो पत्नी सच्चे मन से ये व्रत को करती हैं, उनकी जीवन में खुशहाली बनीं रहती है और पति को तरक्की मिलती है. इतना नहीं नहीं ये व्रत करने से आयु भी पति की लंबी हो जाती है.

करवा चौथ की पूजन सामग्री क्या है

करवा चौथ का व्रत रखने से पहले आप इसकी सामग्री जमा करके रख लें। जो की इस प्रकार हैं।

मिट्टी का करवा, कलश, ताजा पानी, दो दीपक, घी, कुमकुम, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा दूध, चावल, मिठाई, मेहंदी, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, छलनी, दक्षिणा के पैसे और एक थाली।

करवा चौथ पूजा कैसे करें

1. करवा चौथ पूजा बेहद ही सरल है। ये पूजा करने के लिए आपको एक थाली सजानी होगी। जिसमें सुहागन का समान रखना होगा। इस थाली में दो दीपक भी रख लें।

 

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2.पूजा करते हुए मिट्टी का करवा लें और उसे चावल से भर दें। इसपर कलवा बंद दें। साथ ही इसके अंदर पैस रख दें। फिर इसे पूजा वाले स्थान पर रख दें। अब कलश में पानी भर लें और उसे थाली में रख दें।

3.अब आप करवा चौथ की कथा को पढ़ना शुरू करें। कथा पढ़ने से पहले थाली में रखे एक दीपक को जला लें और कथा का आरंभ कर ले। इस कथा को अच्छे से पढ़ें। कथा पढ़ने के बाद थाली में रखे दिए को मंदिर में रख दें।
चांद निकलने का इंतजार करें। चांद निकलने पर थाली में रखे दूसरे दीपक को जला लें।
4.दीपक जलाने के बाद चांद को देखकर अपना व्रत तोड़ लें।

कहानी कितने बजे सुननी चाहिए?

करवा चौथ की कहानी कितने बजे सुननी चाहिए? ये काफी महत्वपूर्ण सवाल है। अगर सही समय पर करवा चौथ की पूजा न की जाए तो व्रत रखने का सफल नहीं होता है। करवा चौथ की कहानी सुनने के लिए शाम का समय सबसे उत्तम होता है और इस कथा को 5 बजे के बाद ही पढ़ा चाहिए।

करवा चौथ व्रत नियम

करवा चौथ से कुछ व्रत नियम भी जुड़े हुए हैं। जिनका पालन जरूर करना चाहिए। करवा चौथ नियमों के अनुसार ये व्रत निर्जल होता है और चांद दिखने के बाद ही जल ग्रहण कर सकते हैं।

इस दिन पूजा नए वस्त्र पहनकर ही करनी होती है। इसलिए आप पूराने वस्त्र न पहनें।

खाना चांद देखने के बाद ही खाया जाता है। इस दिन खाने में केवल दाल और चावल का ही सेवन करना चाहिए।

तो ये थे करवा चौथ व्रत के नियम, कहानी कितने बजे सुननी चाहिए और पूजा विधि के बारे में जानकारी।

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