लेव लैन्डाउ का जीवन परिचय (Lev Landau Biography In Hindi)

लेव लैन्डाउ का जीवन परिचय (Lev Landau Biography In Hindi)

लेव लैन्डाउ एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे जिन्हें साल 1962 में विज्ञान का सबसे बड़ा अवार्ड नोबेल पुरस्कार मिला था. वहीं इनकी 111 जयंती पर इनको Google ने अपने डूडल के जरिए याद किया है. ये वैज्ञानिक कौन थे और इनको किस चीज की खोज के लिए साल 1962 में नोबेल पुरस्कार दिया गया है ये हम आपको बताने जा रहे हैं.

 लेव लैन्डाउ से जुड़ी जानकारी

नाम (Name) लेव डेविडविच लैन्डाउ
अन्य नाम (Other Name)  –
जन्म दिन (Birth Date) 22 जनवरी 1908 
जन्म स्थान बाकू, रूसी साम्राज्य (अब अज़रबैजान)
कहां रहते थे सोवियत संघ
कब मृत्यु हुई 1 अप्रैल 1968
किस आयु में हुई आयु 60 वर्ष
मृत्यु कहां हुई मॉस्को, सोवियत संघ
पेशा (Occupation) वैज्ञानिक
शिक्षा कहां से हासिल की (Education) बाकू राज्य विश्वविद्यालय
लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी (डिप्लोमा, 1927)
लेनिनग्राद भौतिक-तकनीकी संस्थान (डी.एस.सी., 1934)
धर्म (Religion) यहूदी
नागरिकता सोवियत संघ
मिले अवार्ड स्टालिन पुरस्कार (1946)
मैक्स प्लैंक मेडल (1960)
भौतिकी में नोबेल पुरस्कार (1962)
पत्नी का नाम के. टी. ड्रोबानज़ेवा

 

लेव लैन्डाउ का जन्म और परिवार (Lev Landau Birth And Family)

लेव लैन्डाउ का जन्म 22 जनवरी 1908 में हुआ था और इनके पिता एक स्थानीय तेल उद्योग में एक इंजीनियर के तौर पर काम करते थे और इनकी मां एक डॉक्टर थीं. इन्होंने 1937 में शादी की थी और इस शादी से इन्हें एक बच्चा था.

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लेव लैन्डाउ की शिक्षा और करियर (Lev Landau Education And Career)

इन्होंने बाकू राज्य विश्वविद्यालय, लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी और लेनिनग्राद भौतिक-तकनीकी संस्थान से पढ़ाई कर रखी है. जब ये 19 साल के थे तब इन्होंने लेनिनग्राद विश्वविद्यालय से भौतिक विभाग से स्नातक की थी. जिसके बाद इन्होंने लेनिनग्राद फिजिको-तकनीकी संस्थान से अपने वैज्ञानिक करियर को शुरू कर दिया था.

ये कई विश्वविद्यालय से जुड़े हुए थे और इन्होंने अपना सारा जीवन विज्ञान को अर्पित कर दिया था. ये जब 21 साल के थे तभी इन्होंने अपनी Ph.D. की पढ़ाई को भी पूरी कर लिया था. साथ में ही इन्हें कई सारी फेलोशिप भी मिली थी.

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साल 1962 में मिला नोबेल पुरस्कार (Lev Landau Nobel Prize)

इनको सुपरफ्लुइटी के गणितीय सिद्धांत के विकास के लिए साल 1962 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार दिया गया था. जो कि 2.17 K (−270.98 ° C) से नीचे के तापमान पर तरल हीलियम II के गुणों का वर्णन करता हैै. इस अवार्ड के अलावा इनको साल 1946 में स्टालिन पुरस्कार और 1960 में मैक्स प्लैंक मेडल अवार्ड भी मिल रखा है.

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लेव लैन्डाउ का निधन (Lev Landau Death)

इनका निधन साल 1 अप्रैल 1968 को हुआ था और जब इनका निधन हुआ था उस वक्त इनकी आयु 60 साल की थी. दरअसल साल 1962 में इनका एक कार एक्सीडेंट हुआ था और इस एक्सीडेंट में आई चोटों के चलते ही 6 साल बाद इनका निधन हो गया था.

लेव लैन्डाउ डूडल ( Lev Landau Doodle)

लेव लैन्डाउ को इनके 111 वें जन्म दिवस पर Google ने अपने डूडल के जरिए याद किया गया है और इनको अपना   डूडल का पेज समर्पित किया है. लेव लैन्डाउ ने जो योगदान विज्ञान को दिया है उसके लिए आज भी इनको याद रखा गया है और इनका सारा जीवन विज्ञान से ही जुड़ा रहा है. इन्होंने कई सारी प्रसिद्ध थ्योरी जैसे कि Ginzburg–Landau theory, Darrieus–Landau instability, Landau kinetic equation विज्ञान को दे रखी है.

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इनके नाम पर दिए जाते हैं अवार्ड

रूसी विज्ञान अकादमी की और से दिए जाने वाले सैद्धांतिक भौतिकी में सर्वोच्च पुरस्कार का नाम इनके नाम पर है जिसे  लैन्डाउ गोल्ड मेडल कहा जाता है. साथ में ही इनके नाम पर दो खगोलीय वस्तुओं का नाम भी रखे गए हैं जो कि the minor planet 2142 Landau और the lunar crater Landau हैं

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