New Parliament building के उद्घाटन मुद्दे पर बोले विदेश मंत्री- ‘राजनीति करने की एक सीमा होनी चाहिए’

New Parliament building: नए संसद भवन के उद्घाटन के मुद्दे पर राजनीति गरमाती जा रही है. इस मुद्दे पर अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर की भी प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार करने के 20 विपक्षी दलों के फैसले को गलत बताया है. एस. जयशंकर ने कहा कि  ये ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है, राजनीति करने की एक सीमा होनी चाहिए.

गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर आए जयशंकर ने नर्मदा जिले के राजपिपला कस्बे में इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि नए संसद भवन (New Parliament building) के उद्घाटन का जश्न पूरे देश में मनाना चाहिए. अगर यह विवाद का विषय बन जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

दरअअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला विपक्षी दलों ने लिया है. उनका कहना है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों होना चाहिए. क्योंकि वो संसद की प्रमुख हैं.

काफी भव्य है नई संसद

चार मंजिला संसद भवन  64,500 वर्ग मीटर है में फैली हुई है, ये त्रिकोणीय आकार में बिनाई गई है. जिसमें तीन मुख्य द्वार हैं. इनके नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार रखआ गया है. नई संसद भवन को टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित  किया गया है. इसमें भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, पर्याप्त पार्किंग स्थल सहित कई सुविधा हैं.

बता दें कि संसद का वर्तमान भवन 1927 में बनाया गया था. ये 96 साल पुराना है. जिसके कारण यहां पर सुविधाएं अपर्याप्त है.

 

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