New Parliament building: देश के नए संसद भवन से जुड़ी रोचक जानकारी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज देश को नए संसद भवन (New Parliament building) की सौगात दी है.  नए संसद भवन (New Parliament Building Interesting Facts) के उद्घाटन समारोह काफी भव्य थे. देश की संसद के पुराने और नए भवन से जुड़ी आज हम आपको कुछ रोचक बाते बताने जा रहे हैं. तो आइए जानते हैं कि देश को पुराना संसद भवन कैसे मिला और नए संसद भवन को बनाने की जरूरत क्यों पड़ी.

पुराने संसद भवन का इतिहास

‘ड्यूक ऑफ कनॉट’ ने 12 फरवरी, 1921 को संसद भवन की आधारशिला रखी थी. उस समय इसे ‘काउंसिल हाउस’ के नाम से जाना जाता था. करीब 6 साल के बाद ये बनकर तैयार हुआ था और इसका उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 में किया गया था. ये उद्घाटन तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन के हाथों हुआ था.

19 जनवरी, 1927 को पुराने संसद भवन में केंद्रीय विधानसभा के तीसरे सत्र की पहली बैठक हुई थी. जबकि 9 दिसंबर, 1946 में संविधान सभा की प्रथम बैठक  की गई थी.

14 से 15 अगस्त, 1947 के बीच संविधान सभा के मध्यरात्रि सत्र हुआ था. जिसमें सत्ता का हस्तांतरण किया गया था. जिसके बाद 13 मई, 1952 को दोनों सदनों की पहली बैठक यहां आयोजित हुई थी.

3 अगस्त, 1970 को तत्कालीन राष्ट्रपति वी.वी. गिरि ने संसदीय सौध की आधारशिला रखी थी. जबकि 24 अक्टूबर, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संसदीय सौध का उद्घाटन किया था.

15 अगस्त, 1987 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संसद पुस्तकालय का आधारशिला रखी थी. वहीं 7 मई, 2002 को तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के हाथों संसद पुस्तकालय भवन का उद्घाटन हुआ था.

नए संसद भवन से जुड़ी रोचक जानकारी (New Parliament Building Interesting Fact)

साल 2019 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नए संसद भवन का प्रस्ताव रखा था. जिससे स्वीकार कर लिया गया था. इसके बाद 10 दिसंबर, 2020  को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी. तीन साल के अंदर नया संसद भवन बनकर तैयार हुआ है. वहीं 28 मई, 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन किया गया है.

वहीं नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर एक विशेष स्मारक डाक टिकट और 75 रुपये का सिक्का भी जारी किया है.

नए संसद भवन को बनाने में करीब 60 हजार श्रमिक की मेहनत लगी है.

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