जानें ऋषि पंचमी क्यों मनाई जाती है व व्रत में क्या खाना चाहिए

ऋषि पंचमी (Rishi Panchami 2022) हर वर्ष धूमधाम से मनाई जाती है। ये पंचमी भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आती है। इस साल ऋषि पंचमी 1 सितंबर को आ रही है। इस दिन व्रत रखा जाता है और ऋषियों की पूजा की जाती है। ऋषि पंचमी क्यों मनाई जाती है और ऋषि पंचमी व्रत में क्या खाना चाहिए (rishi panchami vrat me kya khana chahiye) इसके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।

ऋषि पंचमी क्यों मनाई जाती है (Rishi Panchami Kyo Manai Jati Hai)

ऋषि पंचमी के दिन सप्तऋषियों का पूजन किया जाता है। जो कि वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र और भारद्वाज है। इन सातों ऋषि के लिए ये व्रत रखते हुए इनसे जुड़ी कथा पढ़ी जाती है। ऋषि पंचमी के दिन महिलाओं द्वारा व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि जो महिलाएं ऋषि पंचमी व्रत को रखती हैं, उनके सारे पाप धुल जाते हैं। पिछले जन्म में जो भी भूल उनसे हुई होती है, वो माफ हो जाती है और उसका कष्ट उन्हें नहीं भोगना पड़ता है। ये व्रत रखने से स्त्रियों से रजस्वला अवस्था के दौरान जो-जो गलतिआं हुई होती हैं उनसे भी मुक्ति मिल जाती है।

ऋषि पंचमी के व्रत विधि (Puja Vidhi)

  • ये व्रत सुबह से दोपहर तक का ही होता है और इस दौरान दांत को आंधीझाड़ा से साफ किया जाता है। उसके बाद शरीर पर मिट्टी लगाई जाती है। फिर स्नान किया जाता है।
  • इस दिन जो महिला व्रत रखती हैं। उन्हें शुद्ध जल से स्नान करना होता है। ये स्नान किसी नदी या तालाब पर जाकर किया जाता है।
  • इसके बाद पूजा के स्थान पर मिट्टी या तांबे का कलश रखें। उसे कपड़े से ढंक दें। फिर उसके ऊपर मिट्टी के बर्तन में जौ भरकर रखें। फिर इसके सामने एक धूप जला दें।  पूजा पूरी होने के बाद कलश का दान ब्राह्मण को करें।

ऋषि पंचमी व्रत में क्या खाना चाहिए (rishi panchami vrat me kya khana chahiye)

ऋषि पंचमी व्रत में खाने का ध्यान रखें। इस व्रत के दौरान केवल एक बार ही भोजन किया जाता है। भोजन में उन अनाज का सेवन करना वर्जित होता है। जिन्हें उगाने में हल का प्रयोग होता है। इसके अलावा इस व्रत के खाने में नमक का प्रयोग नहीं होता है। अगर आप ऋषि पंचमी व्रत रखते हैं, तो इस दिन चावल का सेवन कर सकते हैं।

व्रत से जुड़ी कथा

व्रत कथा के अनुसार उत्तरा नाम का एक ब्राह्मण हुआ करता था। जिसका विवाह सुशीला नाम की महिला से हुआ था। इनकी एक बेटी थी जो की कम ही उम्र में विधवा हो गई। पति के निधन के बाद उनकी बेटी उन्हें के संग रहा करती थी। वहीं एक रात को उनकी बेटी के शरीरर पर चींटिया चढ़ गई। जिससे की बेटी को काफी कष्ट हुआ। अपनी बेटी को इतनी पीड़ा में देख उत्तरा व सुशीला रोने लगे। उन्हें समझ नहीं आया की आखिर उनकी बेटी के साथ ये सब क्यों होरहा है। ऐसे में उन्होंने एक ऋषि से मदद मांगी और उन्हें पूरी कहानी सुनाई तब ऋषि ने उन्हें बताया की उनकी बेटी द्वारा एक पाप हुआ था। जिसके कारण ये सब उसके साथ हो रहा है। उनकी बेटी ने पूर्व जन्म में रजस्वला काल में पाप किया था। जिसका दंड चीटियां उसे मिल रहा है।

इस पाप से निजात पाने के लिए ऋषि ने एक उपाय सुझाया और कहा कि हर साल कन्या को ऋषि पंचमी (Rishi Panchami 2022) व्रत करना होगा। ऋषि पंचमी व्रत करने से उसके कष्ट दूर हो जाएंगे। ऋषि के कहने पर कन्या ने ये व्रत रखना शुरू कर दी और उसे कुछ ही एक ही साल में अपने पापों से मुक्ति मिल गई। तभी से ये व्रत प्रचलित हो गया।

तो ये थी ऋषि पंचमी व्रत क्यो मनाया जाता है (Rishi Panchami Kyo Manai Jati Hai), ऋषि पंचमी व्रत के दौरान क्या खाना चाहिए, विधि और ऋषि पंचमी व्रत कथा के बारे में जानकारी

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