व्रत कैसे किया जाता है (Vrat Kaise Kiya Jata Hai)

vrat kaise kiya jata hai: हिंदू धर्म में व्रत का काफी महत्व होता है. सनातन धर्म में कई प्रकार के व्रत होते हैं, जिन्हें लोगों द्वारा रखा जाता है. कुछ व्रत ग्रहों से जुड़े होते हैं, तो कुछ सुहागन महिलाओँ से. हर व्रत से अलग नियम (vrat Niyam) जुड़े होते हैं. इसलिए आप जो व्रत करते हैं, उसे रखने से पहले उससे जुड़ा नियम जान लें. वहीं व्रत कैसे किए जाते हैं (vrat kaise kare) और इन्हें कैसे खोला जाता है, इसके बारे में हम विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं.

व्रत कैसे किया जाता है (Vrat Kaise Kiya Jata Hai)

कोई सा भी व्रत करने से पहले संकल्प लेना होता है, संकल्प लेने के बाद ही व्रत रखा जाता है. पूजा से पहले हाथ में पानी रखकर व्रत रखने का संकल्प लेते हैं, उसके बाद पूजा करते हैं. जिसके साथ ही व्रत शुरु हो जाता है.

कुछ व्रत निर्जल (बना पानी पीए उपवास) होते हैं, तो कुछ व्रतों में फल खाए जा सकते हैं. अगर आप निर्जल उपवास रख रहे हैं तो पानी तक न पीएं.

अगर आपका व्रत निर्जल नहीं है तो आप फलों, दूध का सेवन कर सकते हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ग्रहों से जुड़े व्रतों में कुछ चीजों का सेवन करना वर्जित माना गया है.

जैसे कि रविवार के व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है. सोमवार के व्रत में शाम के समय मीठा खाया जाता है. गुरुवार के व्रत में शाम के समय पीले रंग का मीठा भोजन किया जाता है. जबकि करवा चौथ के व्रत में रात के समय काली दाल जरूर खाई जाती है.

व्रत कैसे खोला जाता है

आप कोई सा भी व्रत रख लें. उस व्रत को रात के समय पूजा करने के बाद ही खोला जाता है. अगर आप रविवार का व्रत रखते हैं तो सूर्य देव की पूजा करके ये व्रत खोलें, सोमवार के व्रत में भोलेनाथ की पूजा की जाती है. मंगलवार के व्रत में हनुमान का पूजन होता है.. उसके बाद ही रात को खाना खाया जाता है.

तो ये थी जानकारी व्रत रखने से जुड़ी….

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